चीन से निपटने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर लंबी दूरी की तोपों सहित युद्धक वाहनों के निर्माण का फैसला लिया है. अमेरिका के हिंद प्रशांत मामलों के सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने अमेरिकी संसद को यह जानकारी दी.
अमेरिकी संसद में उठा चीन मामला
अमेरिकी संसद में चीन के मसले पर हो रही चर्चा के दौरान रैटनर ने बताया कि भारत की परिचालन आवश्यकताओं को देखते हुए भारत और अमेरिका ने युद्धक वाहनों के निर्माण में हाथ मिलाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को पुख्ता करने में जुटा है. अमेरिकी संसद में चीन को लेकर यह चर्चा ऐसे समय पर हो रही है, जब अमेरिका और चीन के संबंधों में ताइवान और मानवाधिकार के मुद्दे पर तनाव गहराया हुआ है.
रैटनर ने कहा कि हमले का जवाब देने की क्षमता को वापस पाने में जापान की भी मदद अमेरिका कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर मिसाइलों और हथियारों की निर्माण क्षमता को विकसित कर रहा है. अमेरिका भारत के साथ मिलकर रक्षा क्षेत्र में सह-विकास और सह-निर्माण कर रहा है. इसके साथ ही दक्षिण एशियाई देशों को चीन के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए मजबूत कर रहा है. रैटनर ने कहा कि हम अपने भारतीय सहयोगियों के साथ लंबी दूरी की तोपों और युद्धक वाहनों के सह-निर्माण की दिशा में भी काम कर रहे हैं.