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चीन कयों बनता है घातक महामारियों का अड्डा? जाने 4 बड़े कारण

पॉच साल पहले दुनिया ने कोविड-19 महामारी का सामना किया, और अब खबरें आ रही हैं कि चीन में HMPV वायरस तेजी से फैल रहा है. बिमारियों के फैलने का चीन से जुड़ा होना कोई नई बात नहीं है.

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Courtesy: SOCIAL MEDIA

पॉच साल पहले दुनिया ने कोविड-19 महामारी का सामना किया, और अब खबरें आ रही हैं कि चीन में HMPV वायरस तेजी से फैल रहा है. बिमारियों के फैलने का चीन से जुड़ा होना कोई नई बात नहीं है. ईतिहास पर नजर डालें तो चीन बार-बार घातक महामारियों का अड्डा बनता रहा है. आईए पता लगाते है, आखिर एसा क्यो होता है? 

पॉच साल पहले चीन के वुहान से फैले कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को परेशान कर दिया था. अब एक बार फिर चीन से एक नए वायरस के फैलने की खबरें सामने आ रही हैं। यह वायरस, जिसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कहा जा रहा है, खासकर छोटे बच्चों में कोविड-19 जैसे लक्षण पैदा कर रहा है.

यह पहली बार नहीं है जब चीन किसी खतरनाक बिमारी की चपेट में आया हो. दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले देश के रुप में चीन बार-बार महामारियों के अड्डे के रुप में उभरता हैं. लेकिन सवाल ये है कि ऐसा बार-बार क्यों होता है? आखिर क्यों चीन को बार-बार एसी बिमारीयों का सामना करना पड़ता है.

2003: SARS

नवंबर 2002 में चीन से एक खतरनाक बिमारी की शुरुआत हुई. जिसे सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) के नाम से जाना गया. माना जाता है कि इसकी शुरुआत चमगादड़ों से हुई, जो बाद में बिल्लियों मे फैला और फिर इंसानों तक पहुंचा. यह वायरस तेजी से फैलते हुए 26 देशों में पहुंचा, और इससे 8,000 लोग संक्रमित हुए और 774 की जान चली गई. हालांकि, जुलाई 2003 तक इस पर नियंत्रण पा लिया गया और इसके बाद यह वायरस फिर कभी सामने नहीं आया.

इस प्रकोप की शुरुआत में, चीन पर वायरस से जुड़ी जानकारी को छिपाने का आरोप लगाया गया था. नया कोरोना वायरस भी इसी परिवार का हिस्सा है, जिसने SARS की यादें फिर से ताजा कर दीं.

बर्ड फ्लू

एवियन फ्लू, जिसे बर्ड फ्लू भी कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों में फैलता है. यह बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के नज़दीक रहने से इंसानों तक भी पहुंच सकती है. खासतौर पर, जब लोग संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आते हैं, तो यह वायरस उनके शरीर में आंख, नाक, या मुंह के जरिए फैल सकता है.

इस महामारी के कई प्रकार दुनिया में सामने आते रहे हैं, लेकिन वर्तमान में प्रचलित H5N1 वायरस पहली बार 1996 में चीन में पाया गया था. इसे उच्च पैथोजिनेसिटी वाला वायरस माना गया, क्योंकि इसका डेथ रैट लगभग 60% था. इसका मतलब यह है कि संक्रमण के शिकार हर 10 व्यक्तियों में से 6 की मौत हो रही थी.

चीन मे क्यो वायरस फैलता है

चीन के अक्सर महामारी का अड्डा बनने के पीछे कई भौतिक और सांस्कृतिक कारण जुड़े हैं. घनी आबादी, जंगली जानवरों का सेवन, और तेज़ी से बढ़ता शहरीकरण इस समस्या के प्रमुख कारणों में से हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया भर में मांस का कारोबार तेज़ी से बढ़ रहा है.

इसके साथ ही, जंगलों कम हो रहे है और पशु फार्मिंग का दायरा बढ़ता जा रहा है. इस बदलाव की वजह से जंगली जानवरों से जुड़े वायरस फार्मिंग वाले जानवरों में प्रवेश कर जाते हैं. वहां से ये संक्रमण आसानी से इंसानों तक पहुंच सकते हैं, जिससे महामारी फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
 

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