Justin Trudeau: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को लेकर भविष्यवाणी कर दी है. उन्होंने कहा है कि 2025 में होने वाले कनाडाई संघीय चुनाव में ट्रूडो हारने वाले हैं. सोशल मीडिया पर जर्मनी की समाजवादी सरकार के गिरने के बाद एक शख्स ने ट्रूडो सरकार से पीछा छुड़ाने के लिए एलन मस्क को टैग किया.
शख्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए एलन मस्क से मदद मांगी. उसने कहा कि ट्रूडो सरकार से हमारा पीछा छुड़ाने में मदद करें. जिसपर मस्क ने कटाक्ष करते हुए रिप्लाई किया कि कनाडा में अगले साल होने वाले चुनाव में उनकी विदाई फाइनल है.
ट्रूडो सरकार पर बढ़ता दबाव
कनाडा में अगले साल चुनाव होना है. जिसके कारण दिन-प्रतिदिन अल्पमत की सरकार चला रहे ट्रूडो पर दबाव बढ़ता जा रहा है. ट्रूडो 2013 से कनाडा में लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहें हैं. हालांकि अब उनका पलड़ा हल्का होता नजर आ रहा है. हालांकि दूसरी ओर न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी धीरे-धीरे अपनी स्थिति को और भी ज्यादा मजबूत करने में जुटी है.
सरकारी खर्च की आलोचना
पीपुल्स पार्टी ऑफ़ कनाडा के नेता मैक्सिम बर्नियर ने कनाडा के पीएम को कटाक्ष करते हुए कहा कि ट्रूडो सरकार का सरकारी खर्च संभालने का नाम नहीं ले रहा. बर्नियर ने तर्क देते हुए कहा कि सरकारी खर्च में कटौती करनी चाहिए, टैक्स में कटौती करनी चाहिए, अत्यधिक शाहीपन को कम करना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि महंगी और अक्षम जलवायु नीति से निकलने की कोशिश करनी चाहिए. अपने सभी पागल DEI कार्यक्रमों को समाप्त करना चाहिए, सामूहिक आव्रजन को रोकना चाहिए और एक ऐसा कारोबारी माहौल बनाना चाहिए जहाँ मजदूर, उद्यमी और निवेशक फल-फूल सकें.
भारत के साथ बिगड़ते रिश्ते
वहीं भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्ते का भी दोष ट्रूडो के उपर है. ट्रडो सरकार ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इस हत्या का पूरा आरोप भारत के दूतावासों पर लगाया था. जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ते चले गएं.
बात यहां तक बिगड़ गई कि कनाडा में रहने वाले हिंदू मंदिरों पर हमले शुरू हो गएं. जिसके कारण वहां रहने वाले हिंदू समुदाय में आक्रोश का माहौल है. हालांकि ट्रूडो सरकार की ओर से इस मामले में भी आरोपी मंदिर के पुजारी को बताया गया. दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव और ट्रूडो सरकार के पक्षपात को लेकर ना केवल भारत के लोगों में गुस्सा है बल्कि कनाडा में रहने वाले लोग भी सरकार के खिलाफ नारजगी जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के पक्षपात के कारण देश के कानून का हनन हो रहा है. यहां के लोकतंत्र पर सवाल उठने लगा है. अब आने वाले दिनों में यह पता चलेगा कि ट्रूडो सरकार कैसे चुनाव प्रचार करती है.