विदेश मंत्री S. जयशंकर का कटाक्ष, अपने कर्मों की सजा भुगत रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान को तीखे शब्दों में कहा कि यह कर्मों का फल है जो पाकिस्तान भुगत रहा है.

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हाइलाइट्स

  • S.j. shankar

भारत के खिलाफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा की गई आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पलटवार करते हुए उसका जवाब दिया है. संयुक्त राष्ट्र में एस. जय शंकर ने शानदार भाषण देते हुए पाकिस्तान को तीखे शब्दों में कहा कि यह कर्मों का फल है जो पाकिस्तान भुगत रहा है. पाकिस्तान की नीतियां उसके ही समाज को खत्म कर रही है. दूसरों की जमीन पर कब्जा करने वाले एक निष्क्रिय राष्ट्र को बेनकाब किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए. 

शरीफ ने कश्मीर के लोगों की तुलना फिलिस्तीनियों से की

दरअसल बीते दिनों पाकिस्तान के प्रधानंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ एक बयान दिया जिसमें शरीफ ने कथित हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडे के बारे में बात करते हुए कश्मीर के लोगों की तुलना फिलिस्तीनियों से कर डाली. शरीफ ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने फिलिस्तीनियों की तरह स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था, एस. जयशंकर ने इस बयान पर जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद नीति कभी सफल नहीं होगी ना ही मिलने वाली सजा से बचने की कोई उम्मीद रखनी चाहिए.

अवैध तौर पर कब्जाएं क्षेत्र को खाली करे पाकिस्तान

एस जे शंकर ने यह भी कहा कि निश्चित रुप से कार्रवाई की जाएगी. जिसके परिणाम भी जल्द ही सामने आएंगे. एस जे शंकर ने शरीफ को यह तक कह डाला कि, हमारे बीच बातचीत द्वारा हल किया जाने वाला मामला केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है. आतंकवाद के सहारे तंबे समय से पाकिस्तान चल रहा रहा है इसे त्यागना होगा. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद दुनिया की हर चीज के विपरीत है और इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का दृढ़ता से विरोध किया जाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों पर प्रतिबंध में न आए बाधा

S.C.O. के शासनाध्यक्षों की बैठक के लिए जयशंकर पाकिस्तान जाने वाले हैं. सरकारी सूत्रों ने अभी भारत की बहुपक्षीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए बैठक में उच्च स्तरीय भागीदारी से इनकार नहीं करा है. यू.एन.जी.ए. में संबोधित के दौरान जयशंकर ने यह तक कह डाला कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में राजनीतिक कारणों से बाधा नहीं डाली जानी चाहिए. एस. जयशंकर के मुताबिक कई देश अपने नियंत्रण व परिस्थितियों की वजह से पीछे रह जाते हैं. तो  कुछ देश जानबूझकर विनाशकारी परिणामों के साथ फैंसले ले लेते हैं. "हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. 

कुकृत्यों का असर दूसरों पर पड़ रहा भारी 

एस जे शंकर ने कहा कि, दुर्भाग्य से, उनके कुकृत्यों का असर दूसरों पर भारी पड़ रहे हैं. खास तौर पर सीमा से सटे पड़ोसी देशों पर. इस तरह की राजनीति अपने ही लोगों में कट्टरता भरती है, तो इनकी जीडीपी महज कट्टरपंथ व आतंकवाद के तौर पर इसके निर्यात के संदर्भ में मापी जा सकता है, एस.जे शंकर के मुताबिक आज, हम देखते हैं कि जो बुराइयां दुसरों में लाने का प्रयास कर रहे वह अपने ही समाज को खा रही है. यह दुनिया को दोष नहीं दे सकता; यह केवल कर्म है. 

चाहे यूक्रेन हो या गाजा तत्काल समाधान है जरुरी

भारत की तरफ से राष्ट्रीय संबोधन करते हुए जयशंकर ने गाजा व यूक्रेन संघर्षों पर भी बात करते हुए कहा कि दुनिया बड़े पैमाने पर हिंसा की निरंतरता के बारे में भाग्यवादी नहीं हो सकती है, न ही इसके व्यापक परिणामों के प्रति अभेद्य हो सकती है। चाहे यूक्रेन में युद्ध हो या गाजा में संघर्ष, अंतरराष्ट्रीय समुदाय तत्काल समाधान चाहता है। 

बहुपक्षवाद में सुधार है जरूरी 

अंतर्राष्ट्रीय कानून व प्रतिबद्धताओं का सम्मान इस मुद्दे में सबसे ज्यादा जरूरी है.यदि हमें वैश्विक सुरक्षा व स्थिरता सुनिश्चित करनी है, तो यह जरूरी है कि जो लोग नेतृत्व करना चाहते हैं, वे सही उदाहरण भी पेश करें. जयशंकर ने कहा, "हम अपने बुनियादी सिद्धांतों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंगे. मंत्री ने कहा कि बहुपक्षवाद में सुधार जरूरी है और संयुक्त राष्ट्र अपने मौजूदा स्वरूप में वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अभी कमजोर है.

मानवीय गरिमा को मजबूत करना है प्रथम कार्य

किसी को पीछे न छोड़ना शांति को बढ़ावा देना, सतत विकास सुनिश्चित करना और मानवीय गरिमा को मजबूत करना ही प्रथम कार्य है. विभाजन, संघर्ष, आतंकवाद और हिंसा का सामना करने वाले संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह हासिल नहीं किया जा सकता. न ही इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. भोजन, ईंधन, उर्वरक पर भी खतरा मंडराने लगेगा जब बाजारों पर कब्जा करने में संयम की कमी होती है, तो यह दूसरों की आजीविका और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाता है.