सिंगापुर में भारतीय मूल के गायक को नस्ली और धार्मिक द्वेष फैलाने के आरोप में सजा

सिंगापुर:  सिंगापुर में भारतीय मूल के प्रसिद्ध रैप गायक सुभाष गोविन नायर को नस्ली और धार्मिक समूहों के बीच द्वेष फैलाने के आरोप में छह सप्ताह की कारावास की सजा सुनाई गई है. उनकी सजा बुधवार से प्रभावी हो गई है. नायर, जो कि सिंगापुर के भारतीय मूल के नागरिक हैं, 32 वर्ष के हैं और उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ पिछले वर्ष न्यायमूर्ति हू शेउ पेंग के समक्ष अपील की थी.

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Courtesy: social media

सिंगापुर:  सिंगापुर में भारतीय मूल के प्रसिद्ध रैप गायक सुभाष गोविन नायर को नस्ली और धार्मिक समूहों के बीच द्वेष फैलाने के आरोप में छह सप्ताह की कारावास की सजा सुनाई गई है. उनकी सजा बुधवार से प्रभावी हो गई है. नायर, जो कि सिंगापुर के भारतीय मूल के नागरिक हैं, 32 वर्ष के हैं और उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ पिछले वर्ष न्यायमूर्ति हू शेउ पेंग के समक्ष अपील की थी.

नस्ली और धार्मिक द्वेष फैलाने के आरोप

नायर पर आरोप था कि उन्होंने ऑनलाइन पोस्ट के माध्यम से सिंगापुर में नस्ली और धार्मिक द्वेष फैलाने की कोशिश की। सिंगापुर, जो कि एक बहुजातीय समाज है, में ऐसे आरोप गंभीर माने जाते हैं क्योंकि इससे समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंच सकता है. नायर को यह सजा जुलाई 2019 और मार्च 2021 के बीच उनके द्वारा किए गए नस्ली बयानों के लिए दी गई है.

सजा के खिलाफ अपील खारिज

चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, नायर की अपील को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति हू शेउ पेंग ने अपने संक्षिप्त मौखिक फैसले में कहा कि नायर के खिलाफ निचली अदालत द्वारा दी गई सजा और दोषसिद्धि पूरी तरह उचित हैं. उन्होंने कहा कि छह सप्ताह की सजा “अनुपातहीन या कष्टकारी नहीं है.”

सजा का कानूनी आधार

नस्ली और धार्मिक द्वेष फैलाने के आरोप में दोषी पाए गए नायर के खिलाफ तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों में से कोई भी सजा हो सकती थी. सिंगापुर में इस तरह के आरोप गंभीर माने जाते हैं, क्योंकि यह देश अपनी बहुजातीय और बहुधार्मिक संरचना पर गर्व करता है और ऐसे अपराधों को समाज में विभाजन पैदा करने के रूप में देखा जाता है.

आरोपों का संदर्भ

2023 में एक जिला अदालत ने नायर को चार आरोपों में दोषी ठहराया था. ये आरोप जुलाई 2019 और मार्च 2021 के बीच दिए गए नस्ली और धार्मिक टिप्पणियों से संबंधित थे, जिन्हें नायर ने ऑनलाइन पोस्ट के माध्यम से फैलाया था. इन बयानों ने समाज में तनाव पैदा किया था और इसलिए नायर को सजा दी गई.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

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