ईरान ने मंगवार की देर रात मौके का फायदा उठाकर इजरायल पर करीब 150 मिसाइलें दागकर हमला कर दिया है. यह हमला अमेरिका से मिली चेतावनी के बाद ईरान ने इजरायल पर किया. ईरान ने यह हमला बैलिस्टिक मिसाइल से किया. इसके बाद यह माना जा रहा है कि मीडिस ईस्ट में एक बार फिर से बड़े युद्ध की स्थिति पैदा हो चुकी हैं. ऐसे में इस बड़े व एतिहासिक हमले के बाद शेयर मार्किट में हलचल बड़ा दी है. आशंका जताई जा रही है कि यह युद्ध अन्य देशों की आवाम को मंहगाई का दौर दिखा सकता है. क्योंकि ईरान द्वारा इजरायल के तेल अवीव पर हमले की आशंका जताई गई. इस दौरान 2 लोग भी घायल बताए जा रहे हैं. लेकिन इजरायल आयरन डोम ने ज्यादातर मिसाइलों को आसमान में ही खत्म कर दिया.
इजरायल में इस मिसाइल हमले से अचानक चीख पुकार मचने लगी. आसामान से गिरती मिसाइले मानों आतशबाजी के समान दिखाई दे रही. सायरन व चीख पुकार की आवाजों से इजरायल के लोगों में भय का माहौल था. मीडिल ईस्ट में हुए इस हमले के बाद शेयर मार्किट पर भारी असर देखने की आशंका जाताई जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस हमले के बाद कच्चे तेल के दामों में 4% तक बढ़ौतरी हो सकती है.
इसके सीधे तौर से यह कहना गलत नहीं होगा कि दुनिया फिर से महंगाई का झटका झेलने के लिए तैयार रहे. मिसाइल हमले के बाद अचानक से क्रूड तेल दर (Crude Oil) बढ़ गया है. ब्रेंट वायदा ऑयल 3.5% बढ़ौतरी के साथ 74.2 डॉलर पहुंचा. US WEST TEXTISE INTERMEDIATER CRUDE OIL 2.54 डॉलर व 3.7% से 70.7 डॉलर हो चुका है.
दरअसल इस भू-राजनीतिक तनाव का सीधा असर शेयर मार्किट में देखा जा रहा है.बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में निफ्टी, डाओ फ्यूचर्स के साथ-साथ कई अन्य देशों के बाजार लाल निशान के साथ अपने काम को शुरु कर रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि अगर यह युद्ध ऐसे ही चलता रहा और कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी होती रही तो इसका असर कई अन्य घरेलू सामान पर देखा जा सकता है. शेयर मार्केट में तेल विशिष्ट स्टॉक पर इसका असर देखने को मिलेगा. कच्चे तेल के दामों में तेजी आने पर ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी- ONGC और Oil India के शेयर्स भी तेजी देखी जा सकती है. लेकिन पेंट व टायर शेयरों में गिरावट देखी जा सकती है. दरअसल यह कंपनियां क्रूड पर निर्भर होती है. ऐसे में क्रूड के दामों में पर असर सीधे तौर पर इन कंपनियों की इनपुट कॉस्ट बढ़ा देगा.
युद्ध व पॉलिटिकल टेंशन का असर सोने पर भी देखने को मिल सकता है. क्योंकि आने वाला महीना त्योहारों के साथ लोगों के घरों में दस्तक देने वाला है. इस दौरान कई दिपावाली, धनतेरस जैसे त्योहारों पर लोग सोना खरीदना शुभ मानते हैं. लेकिन इस युद्ध के बाद सोने के भाव में तेजी होना संभव माना जा रहा है. ईरान के इजरायल पर हमले के बाद बाद अब सोना खरीदना थोड़ा सा महंगा हो सकता है. लेकिन दूसरी तरफ युद्ध की परिस्थिति में अगर आप गोल्ड में निवेश करते हैं तो वह सुरक्षित होगा.
कच्चे तेल के भाव में उतार-चढाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था का धरातल हिलता हुआ दिखाई दे रहा है. युद्ध से वैश्विक तेल स्पालाई बाधित होने की संभावना भी जताई जा रही है. क्योंकि विश्व पटल पर कच्चा तेल महंगा होने से कई देशों की आम जनता की परिस्थित खराब हो जाएगी. दरअसल आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध के समय भी यही हुआ था. रूस के यूक्रेन पर अटैक के बाद ग्लोबल सप्लाई चैन खराब हो गई थी. इसका सीधा असर कच्चे तेल के भाव पर दिखा.