हेग : अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की. इस न्यायालय ने अपने सदस्य देशों से इन प्रतिबंधों के खिलाफ खड़े होने का आह्वान करते हुए कहा कि यह कदम न्यायालय की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को कमजोर करने का प्रयास है.
अमेरिका ने बृहस्पतिवार को एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप ने ICC के खिलाफ सख्त कदम उठाए. अमेरिका का कहना है कि उसने यह कदम इज़राइल और उसके करीबी सहयोगी देशों को निशाना बनाने वाली अवैध कार्रवाइयों के कारण उठाया. इस आदेश में पिछले वर्ष गाजा में हुए कथित युद्ध अपराधों के सिलसिले में इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ ICC द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट का उल्लेख किया गया.
ICC ने इन अमेरिकी प्रतिबंधों की “निंदा” की है और कहा है कि वह अपने कर्मियों के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है. न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि वह दुनिया भर में अत्याचारों के लाखों निर्दोष पीड़ितों को न्याय और उम्मीद प्रदान करने का अपना कार्य जारी रखेगा.
ICC ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "हम अपने 125 सदस्य देशों, नागरिक समाज और दुनिया के सभी देशों से न्याय और मौलिक मानवाधिकारों के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हैं."
अमेरिका द्वारा ICC के खिलाफ उठाए गए इस कदम का वैश्विक स्तर पर व्यापक प्रभाव हो सकता है. ICC के सदस्य देशों ने इस प्रतिबंध को स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका पर हमला माना है और इस कदम का विरोध किया है. इस विवाद का सीधा असर विश्वभर में न्याय की प्रक्रिया और मानवाधिकारों की रक्षा पर पड़ेगा.
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय का यह बयान अमेरिकी प्रशासन के प्रतिबंधों के खिलाफ मजबूती से खड़ा होने का संदेश देता है. इसने अपने सदस्य देशों और वैश्विक समुदाय से न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की है.
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