International Translation Day: टेक्नोलॉजी का गुणवत्तापूर्ण ज्ञान आधारित समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान

International Translation Day: आज जब हम किसी भी नए या अनजान जगह पर मौजूद होते हैं, तो सबसे पहले हम कैमरा या कम्युनिकेशन डिवाइस को अपने स्मार्टफोन में ऑन कर लेते हैं. ताकि किसी अनजान दिक्कतों से बचा जा सकें. बता दें कि तकनीक ही हमें अनजान जगहों पर स्थानीय बोली-भाषा, संवाद में हमारी मदद […]

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International Translation Day: आज जब हम किसी भी नए या अनजान जगह पर मौजूद होते हैं, तो सबसे पहले हम कैमरा या कम्युनिकेशन डिवाइस को अपने स्मार्टफोन में ऑन कर लेते हैं. ताकि किसी अनजान दिक्कतों से बचा जा सकें. बता दें कि तकनीक ही हमें अनजान जगहों पर स्थानीय बोली-भाषा, संवाद में हमारी मदद करता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ट्रांसलेशन ऐप तो विदेश यात्रा के दरमियान आपके लोकल काम में मदद करती है. दरअसल, ये तकनीकी विकास के मुकाम तक पहुंचने से पूर्व अनुवाद प्रक्रिया एवं तकनीक की तारतम्यता के प्रयासों का एक लंबा दौर चल रहा है. वहीं एआई के बढ़ते अनुप्रयोगों के मध्य आज दुनिया की शीर्ष तकनीकी कंपनियां भाषांतरण को सहज बनाने के लिए लगातार नवाचार व निवेश करती नजर आ रही हैं.

टेक्नोलॉजी से मिटी दुरियां

भाषाएं विकास, सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण, संवाद के लिए ही नहीं, किन्तु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-शोध व ज्ञान आधारित समाज के विकास में भी अमूल्य योगदान कर रही हैं. यही वजह है कि, बीते कई सालों से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) बहुभाषा व अनुवाद को बढ़ावा देने के लिए अधिक प्रयासरत है. जबकि ट्रांसलेशन ऐप व सेवाएं कई प्रकार के भाषा बोलने वालों के मध्य दूरियां मिटा रही हैं. बता दें कि आज एक सामान्य साफ्टवेयर भौगोलिक सीमाओं के बाहर उत्पादों व सेवाओं का दायरा बढ़ाने एवं स्थानीयता से जोड़ने में हमारी मदद करती है.

टेक्नोलाजी का हो रहा विकास

आपको बता दें कि, तीन दशक पूर्व कंप्यूटर सीएटी (असिस्टेड ट्रांसलेशन) टूल ने अनुवादकों को शब्दावली एवं नोट तैयार करने में सहायता करने की शुरूआत की थी. जिसके बाद इस सदी की शुरुआत में ही क्लाउड आधारित टीएमएस (ट्रांसलेशन मैनेजमेंट सिस्टम) ने बाजार में दस्तक दी है. जबकि इसमें बड़ा बदलाव क्रांतिकारी साल 2006 में गूगल ट्रांसलेशन के लांचिंग के साथ आया है. वहीं जब प्रिडिक्टिव एल्गोरिदम व स्टेटिस्टिकल ट्रांसलेशन आधारित गूगल ट्रांसलेट ने मशीन ट्रांसलेशन को सामान्य यूजर तक पहुंचाया है. हालांकि अनुवाद की कुछ अशुद्धियों के लिए इसमें लगातार सुधार की जा रही है.

एआई व मशीन ट्रांसलेशन

मशीन लर्निंग व एआई के विकास से ट्रांसलेशन टेक्नोलाजी एक नई ऊंचाइयों पर जा पहुंचा है. जिससे कि मानव व मशीन के मध्य अंतर पूरी तरह से मिटाना संभव नहीं था. परन्तु मशीन ट्रांसलेशन टूल एवं मानव अनुवादक दोनों के सामंजस्य से अनुवाद प्रक्रिया सही हो सकती हैं. जबकि कुछ साल पहले तक जहां कंप्यूटर असिस्टेड ह्यूमन ट्रांसलेशन था, वहीं अब ह्यूमन असिस्टेड कंप्यूटर ट्रांसलेशन में बदल दिया गया है. ये एआई तकनीक में लगातार किए जा रहे विकास की वजह से संभव हो पाया है. एआई क्षमताओं का प्रयोग करते हुए जटिल कंटेंट का भी उच्च गुणवत्ता के साथ अनुवाद संभव है. जिससे विकास से कामकाज के आटोमेशन में अधिकता आएगी.

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