Jaishankar in US: विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को कहा कि, भारत को अभिव्यक्ति की आजादी यानी बोलने की आजादी की अवधारणा पर दूसरों से सीखने की जरूरत नहीं है. उनका ये इशारा सीधे कनाडा की तरफ था. दरअसल, इन दिनों भारत और कनाडा की राजनयिक टकराव देखने को मिल रही है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विस्तार हिंसा भड़काने तक नहीं होना चाहिए.
वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, मैंने अमेरिका में यह बात कही हैं और मैं कनाडाई लोगों से भी कहना चाहता हूं कि, हम एक एक लोकतांत्रिक देश है. हमें एक दूसरे से सीखने की जरूरत नहीं है कि अभिव्यक्ति की आजादी यानी बोलने की आजादी क्या है. लेकिन हम लोगों लोगों को बताना चाहते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी हिंसा भड़काने के स्तर तक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि, हमारे लिए आजादी का गलत इस्तेमाल है. ये स्वतंत्रता की रक्षा नहीं है.
विदेश मंत्री ने कॉन्फ्रेंस में बैठे लोगों से सवाल किया कि, अगर भारत की जगह कोई और देश होता, तो वह किस तरह का बर्ताव करता, जहां आपके दूतावासों, राजनयिकों और नागरिकों को हमेशा डर के माहौल में रहकर जीना पड़ रहा है. अगर आप मेरी जगह होते, तो आप कैसे रिएक्ट करते, जहां आपके राजनयिक, आपका दूतावास, आपके लोग होते, तो आपका रिएक्शन कैसा होता?’ दरअसल, कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों की वजह से सुरक्षा की चिंताएं बढ़ हुई हैं.
वहीं, जब विदेश मंत्री से सवाल किया गया कि, जुलाई में इस साल सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाया गया है. अब आप पूछेंगे कि इसका स्टेटस क्या है,तो आपको बता दें कि अभी बातचीत चल रही है. मैंने इस मुद्दे पर समय दिया है. हमने अन्य मुद्दों पर भी बात की है. बहुत से मुद्दों पर हम एक साथ हैं.
दरअसल इस साल जुलाई में खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने कथित तौर पर सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया था. उन्होंने मिशन को आग के हवाले करने की कोशिश की थी. लेकिन गनीमत रही कि कोई बड़ी क्षति नहीं हुई. इस दौरान कोई घायल भी नहीं हुआ था. पुलिस घटना की जांच कर रही है. घटना के बाद अमेरिका ने इसकी कड़ी निंदा भी की थी.