Landslide Papua New Guinea: पापुआ न्यू गिनी के एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में 24 मई को हुए भारी भूस्खलन में अब तक 2000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. ऐसे में इस विनाशकारी भूस्खलन के बीच एक चमत्कार भी देखा गया है. यहां एक दंपति मलबे में दबे होने के बाद भी सुरक्षित बचकर निकल आए हैं. अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार , पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन के बाद कई लोग अब भी लापता हैं.
सोमवार को भी बचाव अभियान जारी रहा. इस बीच उन्हें मलबे के बीच फंसे कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी. इसके बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद दंपति को सकुशल बाहर निकाला. इस बीच दंपति की पहली प्रतक्रिया सामने आई है.
जॉनसन और जैकलीन यैंडम के अनुसार वे बहुत आभारी हैं और उन्होंने खुद के सुरक्षित निकलने को एक चमत्कार बताया है. जैकलीन ने कहा, "हमारी जान बचाने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं. हमें यकीन था कि हम मरने वाले हैं, लेकिन बड़े-बड़े पत्थर हमें कुचल नहीं पाए. यह समझाना वाकई मुश्किल है क्योंकि हम करीब आठ घंटे तक मलबे के नीचे फंसे रहे, फिर हमें बचा लिया गया. हमें लगता है कि हमें किसी मकसद के तहत बचाया गया है.
पापुआ न्यू गिनी सरकार के अनुसार, दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र में भूस्खलन से 2,000 से अधिक लोगों के जिंदा दफन होने की आशंका है. यह हादसा शुक्रवार सुबह यमबली गांव में हुआ, जब एक पर्वत का एक हिस्सा ढह गया. भूस्खलन के समय लोग सो रहे थे. यह गांव ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट पर स्थित इस गरीब, ग्रामीण आबादी वाले देश के अंदरुनी इलाके में एक अस्थिर और दूरस्थ क्षेत्र में स्थित है, जिससे तलाश व बचाव अभियान जटिल और खतरनाक हो गया है.
स्थानीय निवासियों के अनुसार, जब यह हादसा हुआ उस समय लोग नींद में सो रहे थे. मरने वालों की मौजूदा संख्या 100 से ऊपर है, हालांकि सरकार ने भूस्खलन से मरने वालों की आधिकारिक संख्या नहीं जारी की है. पोरगेरा वुमेन इन बिजनेस एसोसिएशन की अध्यक्ष एलिजाबेथ लारुमा ने बताया कि काओकलाम गांव पहाड़ी की ढलान पर बसा है, पहाड़ का किनारा खिसकने से घर मिट्टी और पेड़ों के नीचे दब गए.
इस भीषण हादसे पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भी दुख जताया है. उन्होंने कहा कि भारत हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है. पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''पापुआ न्यू गिनी में विनाशकारी भूस्खलन से लोगों की मौत और तबाही से बहुत दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं. भारत हरसंभव सहयोग मुहैया कराने के लिए तैयार है.''