South Korea Plane Crash: दक्षिण कोरिया के मुआन शहर में रविवार को एक विमान उतरते समय आग की चपेट में आ गया, जिससे कम से कम 179 यात्रियों की मौत हो गई. विमान जेजू एयर का बोइंग 737-800 मॉडल था और यह बैंकॉक से लौट रहा था. आपातकालीन कार्यालय के अनुसार, विमान में 181 से अधिक यात्री सवार थे. आग लगने के बाद बचाव अधिकारी घायलों और मृतकों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि विमान रनवे से उतरने के बाद एक बाड़ से टकरा गया, जिससे आग लग गई. स्थानीय टीवी चैनलों पर दिखाए गए फुटेज में विमान से घने काले धुएं के गुबार उठते नजर आए. आपातकालीन कर्मियों ने आग बुझाने के बाद बचाव कार्य तेज कर दिया है.
आग लगने के सही कारणों की जांच की जा रही है. अधिकारियों ने कहा है कि प्रारंभिक जांच के आधार पर तकनीकी खराबी या पायलट की गलती संभावित कारण हो सकते हैं. यह हादसा हाल ही में हुई कज़ाकिस्तान के अकटौ के पास अज़रबैजान एयरलाइंस की दुर्घटना के तुरंत बाद हुआ है.
🚨 #BREAKING: A Boeing 737 carrying 175 passengers has just crashed in South Korea, resulting in a MASSIVE fireball
— Nick Sortor (@nicksortor) December 29, 2024
Rescue efforts are currently underway. Cause is unknown.
Jeju Airlines Flight 2216 was on approach to Muan International Airport from Bangkok pic.twitter.com/TwnPIG2VJd
कज़ाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त विमान रूस के चेचन्या क्षेत्र में ग्रोज़्नी के लिए उड़ान भर रहा था. रिपोर्टों के अनुसार खराब मौसम और घने कोहरे के कारण विमान ने मार्ग बदल लिया था. हालांकि, प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई गई कि विमान को गलती से रूसी वायु रक्षा द्वारा मार गिराया गया था. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अज़रबैजान के राष्ट्रपति से माफी मांगी थी, लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार नहीं किया कि रूसी वायु रक्षा ने विमान को निशाना बनाया.
इस हादसे में 38 लोगों की जान चली गई थी, वहीं 32 लोग बुरी तरह से घायल हो चुके थे. मिल रही जानकारी के मुताबिक यह घटना भी तभी घटी थी जब विमान लैंडिंग की कोशिश कर रहा था. हालांकि घटना की शुरूआत में यह भी कहा गया था कि विमान एक पक्षी के झुंड से टकरा गया था, जिसके बाद यह घटना घटी. हालांकि बाद में विमान पर दिखे छेद के निशान ने जांच को एक नया मोड़ दिया.
दक्षिण कोरिया और अन्य अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा अधिकारियों ने इन घटनाओं के मद्देनजर विमानन सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने का संकल्प लिया है. यह घटना वैश्विक विमानन सुरक्षा पर नए सवाल खड़े करती है, खासकर ऐसे समय में जब तकनीकी खामियों और युद्ध क्षेत्र के प्रभावों के चलते विमान हादसों की संख्या बढ़ रही है.