काठमांडू : नेपाल सरकार के संशोधित पर्वतारोहण नियमों के अनुसार माउंट एवरेस्ट और 8,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अन्य पर्वत शिखरों पर एकल अभियान को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है और दो पर्वतारोहियों के लिए एक पर्वतारोही गाइड का होना अनिवार्य होगा.
नेपाल सरकार के नए पर्वतारोहण नियमों के अनुसार, अब माउंट एवरेस्ट और अन्य 8,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले पर्वत शिखरों पर चढ़ाई के दौरान एक पर्वतारोही गाइड का होना अनिवार्य होगा. खासतौर पर, 8,849 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट के लिए दो पर्वतारोहियों के साथ एक गाइड नियुक्त किया जाएगा. पहले के नियमों के मुताबिक, 8,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले पर्वतों पर चढ़ाई के लिए केवल एक गाइड की आवश्यकता थी.
पर्यटन विभाग की निदेशक आरती नेउपाने ने कहा, "सरकार ने पर्वतारोहियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह नियम लागू किया है." उन्होंने बताया कि इस संशोधन का उद्देश्य पर्वतारोहण के दौरान होने वाले जोखिमों को कम करना है.
'इमेजिन नेपाल ट्रेक्स' के प्रबंध निदेशक मिंगमा जी शेरपा ने कहा कि यह कदम बहुत पहले उठाया जाना चाहिए था, क्योंकि इससे पर्वतीय पर्यटन को सकारात्मक बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के रॉयल्टी शुल्क में वृद्धि पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि रॉयल्टी शुल्क में वृद्धि से नेपाल आने वाले पर्वतारोहण दलों को हतोत्साहित किया जा सकता है.
नेपाल सरकार ने हाल ही में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की रॉयल्टी में वृद्धि की है. वसंत ऋतु (मार्च-मई) में दक्षिण मार्ग से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए रॉयल्टी शुल्क को 11,000 डॉलर से बढ़ाकर 15,000 डॉलर कर दिया गया है. शरद ऋतु (सितंबर-नवंबर) में यह शुल्क 5,500 डॉलर से बढ़ाकर 7,500 डॉलर किया गया है. सर्दियों (दिसंबर-फरवरी) और मानसून (जून-अगस्त) के लिए शुल्क में भी वृद्धि की गई है.
नेपाल सरकार के यह संशोधित नियम पर्वतारोहियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से किए गए हैं, लेकिन साथ ही पर्वतीय पर्यटन पर इसके असर को लेकर चिंता भी व्यक्त की जा रही है. एकल पर्वतारोहण पर रोक और रॉयल्टी शुल्क में वृद्धि से पर्वतारोहण के अनुभव को नया दिशा मिल सकता है, लेकिन साथ ही पर्यटन पर भी इसके असर को देखना होगा.
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