Monday, September 25, 2023
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Pakistan Decode BrahMos: भारत के ‘ब्रह्मास्त्र’ पर पाक की नजर! ब्रह्मोस मिसाइल की तकनीक की कर रहा नकल?

Pakistan Decode BrahMos:अपने नापाक मंसूबों के लिए जाना जाने वाला पाकिस्तान एक बार फिर से खतरनाक कोशिश करता हुआ नजर आ रहा है. जिन्नालैंड इस बार भारत के 'ब्रह्मास्त्र' यानि की ब्रह्मोस मिसाइल की तकनीक को डीकोड करने की कोशिश में है. हालांकि, इस बार भी वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया है.

Pakistan Decode BrahMos: 9 मार्च 1922 की शाम करीब 7 बजे  भारतीय प्रतिष्ठान में उस वक्त हड़कंप मच गया जब भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान पर दाग दी थी. हालांकि हरियाणा के अंबाला एयरबेस से गलती से ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च हो गई थी. जिसके बाद ये मिसाइल 124 किलोमीटर दूर जाकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू में जाकर गिरी थी. इसके बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद ही तनाव पूर्ण हो गए थे. इस पूरे मामले पर सेना ने एक जांच भी बैठाई थी, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कुछ लोगों को सस्पेंड भी कर दिया गया था, लेकिन यह मिसाइल कोई हथियार नहीं ले जा रही थी  यह मिसफायर हुई थी.

पाकिस्तान कर रहा ब्रह्मोस मिसाइल की नकल-

अब हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई है कि पाकिस्तान उसी ब्रह्मोस मिसाइल के अवशेषों पर कोई कारगुजारी करने जा रहा है. दरअसल, पाकिस्तान भारत की ब्रह्मोस मिसाइल पर रिवर्स इंजीनियरिंग कर रहा है,ताकि वो उसकी तकनीक की नकल करके.. एक नई मिसाइल बना सके. पाकिस्तान शुरुआत से ही दूसरे देशों की तकनीक चुराकर अपने हथियार बनाते आ रहा है. पाक का परमाणु कार्यक्रम भी चोरी की तकनीक पर आधारित है और इसी कड़ी में अब वो ब्रह्मोस मिसाइल की कॉपी बनाने की नापाक कोशिश कर रहा है.

बेहद ताकतवर और खतरनाक है ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस दुनिया की उन सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, जिसका हवा में पता लगा पाना बेहद ही मुश्किल है. यहां तक कि जब ये मिसाइल सिरसा से लॉन्च हुई थी तो पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम भी इस मिसाइल को इंटरसेप्ट नहीं कर पाया था. जबकि पाकिस्तान के पास चीन का HQ-9 जमीन से हवा में मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है लेकिन वो फिर भी ब्रह्मोस मिसाइल को पकड़ने नाकामयाब रहा.

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत-

जानकारों का मानना है कि ये एयर डिफेंस सिस्टम सिर्फ एयरक्राफ्ट को मार गिराने में कारगर है. ऐसा कहा जाता है कि क्रूज मिसाइल और ऐसी मिलती जुलती मिसाइलों को तबाह करने के लिए इसकी रेंज सिर्फ 25 किलोमीटर है. वहीं, ब्रह्मोस की रेंज 450 किलोमीटर है. इसे सुखोई-30 MKI लड़ाकू जहाज और समुद्र से दागा जा सकता है. फिलहाल वायु सेना इसके एक छोटे वर्ज़न को बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है.

आपको बता दें कि, पाकिस्तान के लिए ब्रह्मोस की नकल करना इतना आसान नहीं है क्योंकि इसे मिसाइल को रूस और भारत की संयुक्त कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने बनाया है. ब्रह्मोस मिसाइल P-800 ओनिक्स पर आधारित है, जो बेहद ही खतरनाक है. इस मिसाइल का नाम दो नदियों यानी कि भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम ब्रह्मोस मिसाइल नाम रखा गया है.

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