Pakistan conducts airstrikes on Afghanistan: दुनिया में हर ओर संघर्ष बढ़ता नजर आ रहा है. सीरिया, ईरान, इजरायल, गाजा, यूक्रेन और रूस के बाद अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ता नजर आ रहा है. मंगलवार को अफगानिस्तान पर पाकिस्तानी तालिबान के कई ठिकानों पर हमले किए गए. इस हमले में एक प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट कर दिया गया और कथित तौर पर कुछ उग्रवादियों को मार गिराया गया.
अफगानिस्तान स्थित खामा प्रेस ने दावा किया कि पाकटिका प्रांत के बरमल जिले में पाकिस्तान के हवाई हमलों की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है, साथ ही उनके तरफ से कहा गया कि अभी मरने वालों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है.
खामा प्रेस ने बताया कि 24 दिसंबर की रात को हुए हमलों में लामन सहित सात गांवों को निशाना बनाया गया. इस हमले में एक ही परिवार के पांच सदस्य मारे गए. कुछ मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बरमल में मुर्ग बाजार गांव नष्ट हो गया, जिससे चल रहे मानवीय संकट में वृद्धि हुई. हवाई हमलों में गंभीर नागरिक हताहत हुए हैं और व्यापक विनाश हुआ है. इस घटना से क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है. इस हमले के बाद तालिबान ने जवाबी कार्रवाई की कसम खाई है. तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने कसम खाते हुए कहा है कि जल्द से जल्द ही इस हमले पर जवाबी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अपनी भूमि और संप्रभुता की रक्षा करना उनका वैध अधिकार है. हालांकि इस हमले को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों ने कोई पुष्टि नहीं की है. लेकिन हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल के महीनों में पाकिस्तानी सेना पर अपने हमलों में वृद्धि की है. जिसमें पाकिस्तान ने अफगान तालिबान पर इन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है. समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मार्च के बाद से यह पाकिस्तानी तालिबान के कथित ठिकानों पर दूसरा ऐसा हमला था. जब पाकिस्तान ने कहा था कि अफगानिस्तान के अंदर सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया-आधारित हमले हुए थे.
यह हमला अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक के काबुल की यात्रा के कुछ घंटों बाद हुआ. जहाँ उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और संबंधों को बेहतर बनाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. अफगान तालिबान ने 202 में अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे ने पाकिस्तानी तालिबान को बढ़ावा दिया है, जिसके नेता और लड़ाके अफगानिस्तान में छिपे हुए हैं.