Punjab: कनाडा व भारत के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों ने एक बार तो उन विद्यार्थियों को परेशानी में डाल दिया जो कनाडा जाने का सपना संजा रहे थे. वहीं ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि हर वर्ष उत्तरी अमेरिका की तरफ जाने वाले हजारों अप्रवासियों, छात्रों एवं श्रमिकों के लिए वीजा प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
कनाडा ने भारतीय विद्यार्थियों के प्रति अधिक नरम रुख दिखाया है. कनाडा ने अब कुल 99 फीसदी विद्यार्थियों को वीजा देने की शुरूआत कर दी है. वहीं पहले सफलता रेट 60 फीसदी के आसपास था. इतना ही नहीं, कनाडा ने भारतीय विद्यार्थियों को दो राहत दी है. जबकि एक तो अब आइलेट्स में हरेक विषय में छह बैंड की जरूरत नहीं है. दूसरा ओवरऑल छह बैंड पर ही वीजा दिया जाएगा.
अधिकतर विद्यार्थी राइटिंग और रीडिंग में 5.5 बैंड पर अटक जाते थे. जिसकी वजह से उनका वीजा रिफ्यूज हो जाता था. वहीं अगर अब ऐसा नहीं होगा, तो चारों विषय में कुल छह बैंड चाहिए. जबकि अगर किसी से आइलेट्स क्लीयर नहीं होती है तो उसको पीटीई (पियरसन टेस्ट ऑफ इंग्लिश) की सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही पीटीई आइलेट्स के मुकाबले अधिक सरल मानी जाती है. कनाडा की ओर से पिछले दो माहीने में 2 वीजा पंजाब के विद्यार्थियों को जारी किए गए हैं. जिनका सफलता रेट 99 फीसदी तक है. जिसके कारण कनाडा जाने वालों की लंबी कतार लग गई है. वहीं आने वाले साल के सितंबर का सेशन भी फुल हो चुका है.
कनाडा में पढ़ने के लिए पंजाब के विद्यार्थी प्रत्येक वर्ष 68,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. जबकि वर्तमान समय में 3 लाख 40 हजार पंजाबी छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं. जबकि साल 2022 में 2,26,450 वीजा अप्रूव किए गए थे. जिनमें से करीबन एक लाख 36 हजार वीजा पंजाबी छात्रों के अप्रूव हुए थे. इसके साथ ही साल 2008 तक केवल 38,000 पंजाबी छात्र ही वीजा के लिए अप्लाई करते थे. मगर अब बीते वर्षों में इसकी संख्या अधिक देखी गई है.