Donald Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ प्लान से पूरे दुनिया में हलचल मचा दिया है. हालांकि अमेरिका के इस टैरिफ योजना को चीन ने साफ तरीके से नकार दिया था, जिसके बाद अमेरिकी की ओर से चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ थोप दिया गया. हालांकि इसके बाद भी जब चीन ने ट्रंप के टैरिफ व्यवस्था को नहीं माना तो अमेरिका ने फिर से इसे बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर किया है. ट्रंप ने लिखा कि चीन ने दुनिया के बाजारों के प्रति जो सम्मान नहीं दिखाया है. उसके आधार पर उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए जाने वाले टैरिफ को तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 125% कर दिया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने पोस्ट में लिखा कि 'चीन ने विश्व के बाजारों के प्रति जो सम्मान नहीं दिखाया है, उसके आधार पर मैं अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए जाने वाले टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर रहा हूं. जिसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है. चीन को एहसास होगा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों को लूटने के दिन अब स्वीकार्य नहीं हैं.
इसके विपरीत और इस तथ्य के आधार पर कि 75 से अधिक देशों ने व्यापार, व्यापार बाधाओं, टैरिफ, मुद्रा हेरफेर और गैर मौद्रिक टैरिफ से संबंधित चर्चा किए जा रहे विषयों के समाधान के लिए वाणिज्य, ट्रेजरी और यूएसटीआर विभागों सहित संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधियों को बुलाया है. इन देशों ने, मेरे मजबूत सुझाव पर संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ किसी भी तरह, आकार या रूप में जवाबी कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने आगे लिखा कि मैंने 90 दिन का विराम और इस अवधि के दौरान काफी कम पारस्परिक टैरिफ 10%, तत्काल प्रभाव से लागू करने की अनुमति दी है.
ट्रंप के इस टैरिफ के कारण वैश्विक बाजार में मंदी आ गई थी. जिसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने अचानक 90 दिनों के लिए अधिकांश देशों पर अपने टैरिफ को वापस ले लिया. जिसके बाद विदेश नीति की समझ रखने वालों को ऐसा लग रहा था कि यह अमेरिका और दुनिया के अधिकांश देशों के बीच अभूतपूर्व व्यापार युद्ध को अमेरिका और चीन के बीच सीमित करने का प्रयास था. हालांकि चीन ने ट्रंप के इस ऐलान के बाद घोषणा किया है कि वह 10 अप्रैल से अमेरिकी वस्तुओं पर अपने टैरिफ को 34 प्रतिशत से बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर देगा. यह निर्णय अमेरिका द्वारा चीन पर टैरिफ को बढ़ाकर 104 प्रतिशत करने के बाद आया है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बुधवार से बीजिंग पर 'अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ' लगाने की धमकी के बाद आया है.