इजराइल पर हमास हमले की आज पहली बरसी, 1 साल पूर्व महिलाएं व बच्चों को बनाया था बंधक, कुछ अभी भी हैं लापता

इजराइल के लोगों के जेहन में 7 अक्टूबर 2023 का दिन में नासूर की तरह चूभता है. जी हां....यह वहीं दिन था जब हमास ने इजराइल पर अचानक से हमला कर वहां की सरकार और सुरक्षा को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है. आज इजराइल पर हमास द्वारा किए गए इस हमले की पहली बरसी है. कहने को आज 1 साल हो गया है.

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Courtesy: Social Media

इजराइल के लोगों के जेहन में 7 अक्टूबर 2023 का दिन में नासूर की तरह चूभता है. जी हां....यह वहीं दिन था जब हमास ने इजराइल पर अचानक से हमला कर वहां की सरकार और सुरक्षा को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है. आज इजराइल पर हमास द्वारा किए गए इस हमले की पहली बरसी है. कहने को आज 1 साल हो गया है. सरकार ने इस बड़े नरसंहार व अचानक हमले में मारे गए लोगों की आत्मा को शांति देने के लिए 10 दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान भी किया है. इजरायल ने पीछले साल से ही कई आत्मघाती हमले झेले हैं. 

250 से ज्यादा लोगों को बनाया था बंधक 

हमास ने इजराइल पर अपने लड़ाकू विमानों द्वारा आसमानी गोले, मिसाइले बरसाकर कत्लेआम मचा दिया था. इजराइल पर हमास ने महज आसामानी आफत ही नहीं बल्कि जमीनी और समुद्र के रास्ते भी लोगों पर अपना कहर बरपाया था. हमास ने तकरीबन 1200 से भी ज्यादा हमले किए इजराइल में नागरिकों की लाशों का अंबार लगा दिया था. इस दौरान हमास ने इजराइल के 250 से ज्यादा लोगों को बंधक भी बनाया, इसमें बच्चे व महिलाएं भी शामिल थी. हमास ने अपने इस हमले का नाम ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड (OPRATION AL AQSA FLOOD) रखा.   

तकरीबन 41000 मौते हुई 

इजरायल ने भी हमास के अस्तित्व को मिटाने की कसम खाते हुए गाजा में ऑपरेशन स्वॉर्डन चलाया. गाजा खंडहर में तबदील हो चुका है. एक साल की बात की जाए तो गाजा में इजराइल द्वारा की गई कार्रवाई में तकरीबन 41000 मौते हुई हैं. लाखों लोग गाजा छोड़ने को मजबूर हो गए है. इजराइल द्वारा अभी तक इस्माइल हानिया व मोहम्मद डेफ समेत  हमास के कई बड़े व मुख्य नेताओं को ढेर कर चुका है. इस युद्ध को साल 2008 के बाद फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष का 5वां युद्ध माना जा रहा है. साथ ही 1973 में योम किप्पुर युद्ध के बाद इस क्षेत्र में सबसे बड़ा सैनिक अभियान भी हुआ. 

अभी तक हो चुकी हैं 41802 लोगों की मौत 

आज की बात की जाए तो गाजा पट्टी में 41802 लोगों की मौत हो चुकी है. वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की बीच शांति को फिर से कामय करने के लिए कई प्रयास किए जा चुके हैं. लेकिन मौजूदा समय में मि़डिल इस्ट में बढ़ते तनाव ने इस प्रयास को खत्म कर दिया है. अब यह संघर्ष पड़ोसी देश लेबनान तक पहुंच चुका है. हिंसक झड़क की खबरों ने भी सुर्खियों का बाजार गरम किया हुआ है. 

हमास जबालिया में फिर से अपना सिर उठाने का कर रहा प्रयास

इजराइल 7 अक्टूबर 2024 को हमास द्वारा किए हमले की आज पहली बरसी मना रहा है. लेकिन इस दौरान इजराइल ने कई मौर्चों पर युद्ध लड़ा है. ऐसे में अब इजराइल का फोकस गाजा से लेबनान की तरफ ज्यादा जाता दिखाई दे रहा है. लेबनान के अलग-अलग हिस्सों में हिज्जबुल्लाह को निसाना बनाते बुए इसजाइल ने हवाई हमले किए, जो अभी भी जारी हैं. गाजा में 41000 से भी ज्यादा मौत होने के बाद भी ऐसा माना जा रहा है कि यह हिंसा कभी खत्म नहीं हो सकती. इजराइल रक्षा दलों ने 5 अकटूबर 2024 को गाजा शहर के पास जबालिया में हमास लड़ाकों को मिटाने के उपद्देश्य से एक औ अभियान की शुरुआत कर दी है. इजराइल ने कहा कि हमास जबालिया में फिर से अपना सिर उठाने का प्रयास कर रहा था. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. 

लापता लोगों का लगाया जाएगा पता

क्योंकि इजराइल के खिलाफ दुश्मनों के और आतंकी हमले से सैन्य अभियानों के सामने संघर्ष की स्थिति को खड़ा कर दिया है. हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमले के समय 250 लोगों को बंधक बनाया था, इसमें 101 बंधकों अभी भी लापता है, इनके बारे में सरकार को किसी भी तरह की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल में ही संयुक्त राष्ट्र में एक संबोधन के दौरान जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने यह प्रतिबद्धता जताई थी कि इजराइल आखिरकार इन लापता बंधकों का पता लगाए बगैर चैन से नहीं बैठ पाएगा. गाजा का उपद्देश्य हमास की सैन्य क्षमताओं और शासन को खत्म कर अपने बंधकों को छुड़ाना है.

कई युद्ध को झेल चुका है इजराइल

पीछले 1 सालों में यूं तो इजराइल अपने दुश्मनों के खिलाफ हर मौर्चे पर खरा उतरते हुए कामयाबी हांसिल कर रहा है. क्योंकि वर्तमान समय में लेबनान के खिलाफ इजराइल मोर्चा खोले हुए हैं. ऐसा करने के पीछे इजराइल का मुख्य उपद्देश्य यह भी है कि वह अपने 60000 से भी ज्यादा नागरिकों को सीमा पर बने अपने घरों में लौटने के लिए सुरक्षित महसूस कराए. यह वही लोग हैं जिन्हें हिज्बुल्लाह के ऱॉकेट हमलों का डर सता रहा है. लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में इजराइली सैना खुद को मजबूत साबित नहीं कर पा रही, इजराइली सैना खुद भी इस बात को मानते हैं. हमास और हिज्बुल्ला के शीर्ष नेतृत्वु का सफाया करने और इनकी सैन्य  क्षमताओं को रौदने के बाद भी यह दोनों मिलिशिया दल फिलिस्तीन और लेबनाना में एक बड़ी ताकत बने हैं. इस युद्ध में ईरान की एंट्री से परिस्थितियां और भी ज्यादा गंभीर हो चुकी है. 

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