Trump China Tariffs: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध लगभग शुरू हो चुका है. डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कई सारे देशों से 90 दिनों के लिए टैरिफ हटा दिया है. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीनी आयात पर नए टैरिफ बढ़ाकर बीजिंग पर दबाव बढ़ा दिया है. चीनी उत्पादों पर लगाए गए कुल टैरिफ अब 145% हो गए हैं, जो पिछले प्रशासनों द्वारा लगाए गए मौजूदा शुल्कों में शामिल हैं.
ट्रंप ने बुधवार को चीनी वस्तुओं पर 125% शुल्क लगाने की घोषणा की, जिसके बाद व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि यह पहले लगाए गए 20% के अतिरिक्त है. डोनाल्ड ट्रंप ने कैबिनेट की बैठक में अपनी टैरिफ नीतियों का बचाव किया. हालांकि ट्रंप की इन नीतियों की वजह से वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई है, लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिका बहुत अच्छी स्थिति में है.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि हम देश के कामकाज के तरीके से बहुत खुश हैं. हम दुनिया से निष्पक्ष व्यवहार करवाने की कोशिश कर रहे हैं. घोषणा के बाद ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि अगर बदला नहीं लोगे तो तुम्हें पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने इस कदम को वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए चीन को अलग-थलग करने की एक सोची-समझी चाल बताया. हालांकि चीन भी अन्य देशों से संपर्क करने में जुटा है, क्योंकि अमेरिका लगातार टैरिफ का बोझ बढ़ाता जा रहा है. लेकिन चीन ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका के किसी भी ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है, वह टैरिफ युद्ध में अंत तक लड़ेगा. चीन ने अमेरिका द्वारा 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद वापस उस पर भी उतना ही टैरिफ लगाया था. जिसके बाद अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर दिया, इसके बाद 125 प्रतिशत टैरिफ कर दिया गया.
चीन द्वारा जब भी टैरिफ का विरोध किया जा रहा है, तब अमेरिका उस पर टैरिफ का बोझ बढ़ा रहा है. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही यह साफ किया था कि विरोध करने वालों के खिलाफ पचास प्रतिशत टैरिफ बढ़ाया जाएगा. ट्रंप द्वारा किए जा रहे इस टैरिफ वॉर की वजह से ग्लोबल बाजार हिल गया है. बीते सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी गिरावट आई थी, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा था. सारे स्टॉक लाल निशान पर चल रहे थे, एक दिन में निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. कोविड महामारी के बाद बाजार में ऐसी गिरावट पहली बार देखी गई थी.