जापान के क्यूशू द्वीप में 6.9 तीव्रता से भूकंप आया, जिसके बाद जापान में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि इस भूकंप से किसी प्रकार के नुकसान या लोंगो के कोई हानी होने की जानकारी नहीं मिली हैं.
जापान के क्यूशू द्वीप में 6.9 तीव्रता से भूकंप आया. इस भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गयी है. यह इस साल का दूसरा बड़ा भूकंप है, इससे पहले तिब्बत में भी बहुत बड़ा भूकंप आया था. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी जापान में तेज झटके महसूस किए गए है. लेकिन राहत की बात है की अब तक इस भूकंप से किसी प्रकार के नुकसान या लोंगो के कोई हानी होने की जानकारी नहीं मिली हैं.
देश के मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक, यह भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 9:19 बजे आया. जिसका केंद्र जापान के दक्षिण-पश्चिमी क्यूशू द्वीप था. इसके साथ ही क्यूशू द्वीप और आस-पास के इलाके के लिए सुनामी का अलर्ट जारी किया है. जापान में भूकंप जैसी घटनाएं अक्सर होती रहती है.
7 जनवरी को तिब्बत में 7.1 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिसने बहुत तबाही मचाई थी. इस भूकंप में 126 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 188 लोग घायल हो गए. करीब 30,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. तिब्बत के डिंगरी काउंटी में आए इस भूकंप से शिगात्से में अकेले 3,609 इमारतें ढह गईं। यह घटना तिब्बत के लिए एक बड़ा संकट बनकर आई.
तिब्बत में आए भूकंप ने न सिर्फ सैकड़ों लोगों की जान ली, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी बुरी तरह से तबाह कर दिया. कई लोग लापता हो गए, और भूकंप के झटके तिब्बत के अलावा नेपाल, भूटान और उत्तरी भारत के कुछ इलाकों में भी महसूस किए गए. यह आपदा क्षेत्र में गहरी छाप छोड़ गई.
जापान ने भूकंप से सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों पर बहुत काम किया है. यहां घरों को भूकंप से बचाने के लिए विशेष उपाय अपनाए जाते हैं, जैसे नींव में लचीली रखना, जो विभिन्न दिशाओं से आने वाले फोर्स को सहन कर सकती है. इससे भूकंप का प्रभाव घर पर कम होता है.
इसके अलावा, भूकंप से सुरक्षा के लिए जापान में इमारतों की डिज़ाइन इस तरह से की जाती है कि वे भूकंप के झटकों को आसानी से झेल सकें. यही कारण है कि जब भूकंप आता है, तो कई इमारतें झूलती हुई दिखती हैं, और अक्सर ऐसे वीडियो रिकॉर्ड होते हैं.