अमेरिकी समिति की बाइडेन सरकार से मांग, भारत बने नाटो प्लस का हिस्सा

काफी समय से भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि भारत अगर नाटो प्लस का छठा हिस्सा बन जाता है तो दोनों देशों के बीच रक्षा-सुरक्षा को आसानी से जोड़ा जा सकता है।पिछले काफी समय से भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की […]

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काफी समय से भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि भारत अगर नाटो प्लस का छठा हिस्सा बन जाता है तो दोनों देशों के बीच रक्षा-सुरक्षा को आसानी से जोड़ा जा सकता है।
पिछले काफी समय से भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की कोशिश की जा रही है।

बताया जा रहा है कि अगर भारत नाटो प्लस का छठा सदस्य बन जाता है तो दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी के साथ-साथ रक्षा-सुरक्षा को आसानी से जोड़ा जा सकता है। नाटो प्लस वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई एक सुरक्षा व्यवस्था है। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायल और दक्षिण कोरिया शामिल है।

सयुंक्त राज्य अमेरिका की एक कांग्रेस समिति ने जो बाइडेन के नेतृत्व वाली सरकार से भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की सिफारिश की है। समिति का मानना है कि भारत को नाटो प्लस में शामिल करने से यह मजबूत होगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून में अमेरिका की यात्रा करने वाले है। इससे पहले भारत को नाटो प्लस में शामिल करने की मांग की गई है।

भारत को छठा सदस्य बनाने की मांग –

भारत को नाटो प्लस का छठा सदस्य बनाने की सिफारिश की गई है, बताया जा रहा है कि अगर भारत को नाटो प्लस का छठा हिस्सा बनाया जाता है तो इससे दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में आसानी होगी। साथ ही भारत-अमेरिका के साथ रक्षा-सुरक्षा को आसानी से जोड़ा जा सकता है। हालांकि, भारत फिलहाल किसी संगठन में शामिल में शामिल होने का इच्छुक नहीं है।

समिति का कहना है कि यादि भारत को नाटो प्लस का सदस्य बनाया जाता है तो वैश्विक सुरक्षा को मजबूती मिलने के साथ ही भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को रोकने में आसानी होगी। साथ ही भारत और अमेरिका के खिलाफ करीबी साझेदारी बढ़ेगी। हालांकि, भारत फिलहाल किसी संगठन में शामिल होने का इच्छुक नहीं है। भारत के पीएम और विदेश मंत्री ने कई बार स्वतंत्र विदेश नीति की बात दोहराई है।