Ismail Haniya Murder: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास सुप्रीम इस्माइल हानिया की हत्या हुई है. यह हत्या ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले ही ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पद की सपथ ली. ईरानी IRGC ने बताया कि इस्माइल हानिया और एक गॉर्ड की हत्या उसके तेहरान स्थित आवास में की गई.
हिजबुल्लाह से जुड़ी समाचार साइट अल मायादीन ने दावा किया है कि इस्माइल हानिया की हत्या इजरायल ने की है. दावा किया जा रहा है कि इस हत्या में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है. फिलहाल, इजरायल की तरफ से इसपर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का पूरा नाम 'सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस' है. इसके अलावा इजरायल में अमन और शिन बेट भी खुफिया एजेंसी के तौर पर काम करती हैं. मोसाद पर पहले भी ईरान में हुई कई हाई प्रोफाइल हत्याओं का आरोप लग चुका है. मोसाद का प्रमुख काम विदेशी खुफिया जानकारी जुटाना, खुफिया विश्लेषण और खुफिया अभियानों को अंजाम देना है. रूवेन शिलोआ का मोसाद का पहला डायरेक्टर चुना गया था. इजरायल की स्थापना के बाद यह एजेंसी लगातार इजरायल के लिए काम कर रही है और कई देशों में सफल अभियान चलाया है.
मोसाद साल 1972 में हुए म्यूनिख ओलंपिक में 11 इजरायलियों की हत्या करने वालों को कई देशों में खोजकर हत्या कर दी थी. मोसाद के इस बदले की कार्रवाई की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी. खिलाड़ियों की हत्या का आरोप फिलिस्तीन के ब्लैक सेप्टेंबर और फिलीस्तीन लिबरेशन अर्गनाइजेशन पर लगा था. इस ऑपरेशन में मोसाद ने सभी आतंकियोंको 11-11 गोलियां मारा करते थे. इसके अलावा भी दुनिया के कई देशों में मोसाद कई गुप्त अभियान चला चुका है. ऐसे में एक बार फिर इस्माइल हानिया की हत्या में दुनिया को मोसाद पर शक हो रहा है.