Brain Tumour: ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर समस्या है जिस पर ध्यान ना देने पर बड़ी बीमारी दिमाग में बन सकती है. इस बीमारी से कैंसर तक का खतरा बढ़ जाता है. ब्रेन ट्यूमर का मतलब कोशिकाओं की असामान्य मस्तिष्क में रूप से वृद्धि है. सभी ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होते. ब्रेन ट्यूमर में असामान्य तरीके से ट्रिपल चाले जाते हैं, जिससे जान का खतरा भी पैदा हो सकता है.
ब्रेन ट्यूमर के कारण शरीर में कई अन्य विकार भी पैदा हो सकते हैं. इस बीमारी के रोगी को सिर में तेज दर्द के साथ चक्कर आने लगता है. इसके साथ-साथ थकान, मतली, उल्टी, सुनने और बोलने में समस्या, हाथ और पैर का सुन्न होना, टेलेंट आदि भी इस बीमारी के लक्षण हैं. आइए जानते हैं का किस वजह से ब्रेन ट्यूमर की बीमारी होने का खतरा पैदा हो सकता है.
स्वास्थ्य सिद्धांत के अनुसार, मोबाइल फोन के उपयोग और तकनीक में ब्रेन के विकास के बीच एक संबंध है, जिसके प्रमाण भी मौजूद हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि मोबाइल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिकल्स का उपयोग किया जाता है, जिसमें कार्सिन बैक्टीरिया यानी कैंसर पैदा होने का कारण बताया गया है. सलाह दी जाती है कि आपको हेडफ़ोन जैसे वायरलैस डिवाइसेस या स्पीकर पर फोन का उपयोग करना चाहिए. अन्यथा हो सके, मोबाइल से समान ही दूरी बना लें.
प्लास्टीकल्स, रबर या विनाइल क्लोराइड, तेल पेस्टल और रेस्ट इंडिविजुअल कंपनी कंपाउंड जैसे केमिकल पदार्थों के बार-बार कॉन्टेंट में आने से हर किसी को बचना चाहिए. क्योंकि इन सभी संपर्कों में आने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा पैदा हो सकता है.
हाई सेचुरेटेड फाईट से फुल फूड आइटम्स को अधिक मात्रा में खाने से भी ब्रेन ट्यूमर का खतरा पैदा हो सकता है. कई शोधों के अनुसार, खराब खाद्य पदार्थ के अलावा खराब रूटीन और लाइफस्टाइल जैसे- धूम्रपान करना या पता लगाना भी ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ा सकता है.
ब्रेन ट्यूमर वैसे तो किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है और जैसे-जैसे इंसान बड़ा रहता है, ब्रेन ट्यूमर समेत कई कैंसर का खतरा पैदा होता है. डॉक्टरों का मानना है कि ब्रेन ट्यूमर का खतरा 85 से 89 साल के लोगों के बीच सबसे ज्यादा देखा गया है. हालाँकि ऐसा भी नहीं कि कोई भी सामान्य व्यक्ति इससे पीड़ित नहीं हो सकता