Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश मानसरोवर की यात्रा इस साल 30 जून से शुरू होगी और अगस्त में खत्म होगी. चीन सीमा विवाद और कोविड की वजह से पिछले पांच सालों से इस यात्रा पर रोक लगी हुई थी, जिसे इस बार शुरू किया जा रहा है. ऐसे में सभी शिव भक्त मानसरोवर की यात्रा का सपना फिर से देखने लगे हैं.
मानसरोवर की यात्रा आसान यात्रा नहीं है. इसके लिए इंसान को शरीर के साथ-साथ दिमाग से फिट रहना चाहिए. तो चलिए जानते हैं कि इस यात्रा में कितने किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है और इस यात्रा के दौरान आपकी फिटनेस कैसी होनी चाहिए.
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर 52 से 55 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. यह यात्रा 3 दिन में पूरी होती है और 4,600 मीटर ऊंची तरबोचे घाटी से शुरू होती है. कैलाश मानसरोवर यात्रा में मानसरोवर झील की परिक्रमा भी शामिल है, जो 320 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. हालांकि आपको यात्रा के परमिशन तभी मिलता है जब आप मेडिकली फिट होते हैं. दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट इस यात्रा के लिए आवेदकों के फिटनेस स्तर की जांच के लिए मेडिकल टेस्ट आयोजित करता है. इसमें हीमोग्लोबिन, कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन आदि के लिए टेस्ट किए जाते हैं. बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स 27 या उससे कम होना चाहिए. अगर यात्री अनफिट पाया जाता है, तो उसकी यात्रा रद्द हो सकती है.
कैलाश मानसरोवर एक उच्च ऊंचाई वाला ट्रेक है, इसलिए वहां जाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए शारीरिक रूप से फिट होना बहुत जरूरी है. जिससे हाइपोक्सिया और माउंटेन सिकनेस का खतरा कम होता है. फिट रहने से यात्रा के दौरान ऊर्जा का स्तर बनाए रखने और थकान को कम करने में मदद मिलती है, जिससे आप यात्रा का पूरा आनंद ले पाते हैं. मानसिक रुप से भी फिट रहने की जरूरत है जिससे आपको यात्रा के दौरान खराब सड़कों और खराब मौसम से निपटने में भी मदद मिलती है. इसलिए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने से पहले नियमित व्यायाम, जैसे जॉगिंग, पैदल चलना और साइकिल चलाना महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, योग और प्राणायाम भी अच्छी तैयारी का हिस्सा हो सकते हैं.