राम नवमी के दिन इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा, घर में सुख, शांति और समृद्धि की होगी बौछार!

हिंदू धर्म के त्योहारों में समय और मुहूर्त की खास अहमियत है. इस धर्म में पूजा पाठ के साथ सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा अनुष्ठान के काफी महत्व हैं. इसलिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है, अन्यथा आपकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी.

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Courtesy: Social Media

 Ram Navami 2025: देश में राम नवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन जगह-जगह पर धार्मिक जुलूस, रैली और नाटक का आयोजन किया जाता है. कहा जाता है कि इसी दिन विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम का जन्म हुआ था. खास बात यह है कि इसी दिन को नवरात्रि का नौंवा दिन भी होता है. जिसमें माता रानी के नौं रुपों की पूजा की जाती है. 

हिंदू धर्म के त्योहारों में समय और मुहूर्त की खास अहमियत है. इस धर्म में पूजा पाठ के साथ सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा अनुष्ठान के काफी महत्व हैं. इसलिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है, अन्यथा आपकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी.

इस खास समय पर करें पूजा

द्रिक पंचांग कहता है कि भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. वहीं उनके जन्म का समय मध्याह्न बताया गया है, जिसे दिन के मध्य यानी दोपहर कहा जाता है. इसकी वजह से समय हर साल राम नवमी की तारीख निर्धारित करता है. इस साल राम नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाने वाली है. इस त्योहार को मनाने की तैयारी अभी से ही शुरू हो गई है.

मिल रही जानकारी के मुताबिक नवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 07:26 बजे शुरू होगी और 6 अप्रैल को शाम 07:22 बजे समाप्त होगी. राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11:08 बजे शुरू होगा और दोपहर 1:39 बजे समाप्त होगा. इस दौरान आप राम नवमी का अनुष्ठान, भगवान राम की पूजा और दान पुण्य से जुड़े काम कर सकते हैं. ऐसा करना आपके लिए काफी लाभकारी होगा. 

हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान राम का जन्म

हिंदू पौराणिक कथाओं में बताया जाता है कि राजा दशरथ ने अपने बेटे के जन्म के उपलक्ष्य में अश्वमेघ यज्ञ किया था. उन्होंने महा ऋषि वशिष्ठ के सुझाव पर पूजा की.  पूजा के बाद उनकी तीनों पत्नियों ने खीर पी और जल्दी ही चार बेटों को जन्म दिया. उनकी पहली पत्नी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया. भगवान राम को सभी भाईयों में सबसे बड़ा बताया गया है. भगवान राम के भक्तों का मानना ​​है कि भगवान राम सत्य, वीरता, साहस और धार्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस दिन का जश्न पूरे देश में मनाया जाएगा.  

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