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धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं इस अवसर पर कुबेर भगवान के ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं जहां उनकी नाभी पर घी लगाने से होते है धनवान.
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उज्जैन का प्रसिद्ध कुबेर भगवान का मंदिर, जिसका नाम कुंडेश्वर महादेव है. इस मंदिर में भगवान कुबेर की 1100 साल पुरानी मूर्ति मिली थी. यह मूर्ति भगवान कृष्ण को उस समय मिली थी जब वह कृष्ण जी और बलराम और सुदामा के साथ यहां शिक्षा ग्रहण करते थे.
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भगवान कृष्ण तो यहां से द्वारका चले गए मगर भगवान कुबेर की प्रतिमा यहीं विराजित रही. ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन उनकी नाभी में घी लगाने से घर में सुख समृद्धि आती है.
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दिवाली और धनतेरस के दिन लोग भारी संख्या में इस मंदिर के दर्शन करने और कुबेर जी की नाभी पर घी लगाने पहुंचते हैं.
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इस दिन मंदिर के अंदर श्रद्धालु भगवान कुबेर की नाभी पर घी में इत्र मिलाकर लागते हैं. भगवान कुबेर को पीला रंग अधिक प्रिय है. इस दिन उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग लगाया जाता है.