Tulsi leaves for health: तुलसी के पौधे को अधिकतर घरों में पूजा जाता है। पूजा के साथ साथ तुलसी का पौधा आयुर्वेद में एक औषधीय पौधा कहा गया है। सेहत के लिए तुलसी की पत्तियां रामबाण कही जाती हैं। देखा जाए तो तुलसी का पौधा एक एंटी बायोटिक, एंटी फंगल और डिप्रेशन रोधी पौधा है, जिसकी पत्तियों के सेवन से तनाव,अनिद्रा, सिर दर्द, माइग्रेन जैसी दिमागी परेशानियों में तुरंत राहत मिलने में काफी मदद मिलती है। इतना ही नहीं तुलसी एंटी ऑक्सिडेंट से भरपूर होने के चलते शरीर के के साथ साथ स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है। इतना ही नहीं तुलसी एंटी ऑक्सिडेंट से भरपूर ऐसा पौधा है जो कैंसर,पथरी जैसे रोगों से भी शरीर का बचाव करने में मदद करता है। मुंह से आती बदबू पेट में कीड़े होने पर भी तुलसी की पत्तियां मदद करती हैं। चलिए आज जानते हैं कि तुलसी कैसे शरीर के लिए फायदेमंद होती है और साथ ही जानेंगे कि माइग्रेन को दूर करने के लिए तुलसी कैसे उपयोग करें।
डिप्रेशन दूर भगाती हैं तुलसी की पत्तियां
डिप्रेशन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आम परेशानी बन गया है। तनाव के चलते दिमाग और शरीर पर काफी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में तुलसी की पत्तियां वरदान मानी जा सकती है। अगर आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं तो रात के वक्त दूध में तुलसी की कुछ पत्तियां उबाल कर पीनी चाहिए। इससे डिप्रेशन का असर कम होता है और दिमाग को राहत मिलती है। ऐसा कुछ महीनों तक करने से डिप्रेशन में काफी आराम मिलता है।
माइग्रेन के दर्द में आराम दिलाती हैं तुलसी की पत्तियां
सिर दर्द का खतरनाक रूप है माइग्रेन। माईग्रेन का दर्द बहुत ही भयंकर दर्द होता है। कुछ लोगों को माइग्रेन का दर्द उठता है जिससे उठना बैठना तक बेहाल हो जाता है। ऐसे में तुलसी की पत्तियों के अर्क का सेवन करना बेहतर माना जाता है। इससे माइग्रेन के दर्द में तुरंत राहत मिलती है। अगर आप रोज एक चम्मच तुलसी की पत्तियों के अर्क का सेवन करेंगे तो धीरे धीरे माइग्रेन की समस्या ही खत्म हो सकती है। कुछ महीनों तक ऐसा करने पर माइग्रेन का दर्द खत्म हो जाता है।
तनाव से होगा बचाव
अगर आप छोटी छोटी बातों पर ज्यादा सोचते हैं औऱ दुखी होते हैं तो आप तनाव का शिकार बन जाते हैं। ज्यादा तनाव दिमाग के लिए खतरनाक होता है। ऐसी स्थिति में आपको रोज तुलसी के पत्ते चबा चबा कर खाने चाहिए। दरअसल तुलसी के पत्ते चबाने से शरीर में तनाव बढ़ाने के लिए जिम्मेदार कार्टिसोल हॉरमोन्स का लेवल नियंत्रित रहता है। ये हॉरमोन ही दिमाग में तनाव और स्ट्रेस को बढ़ाता है। तुलसी के पत्ते को चबाने से ये हार्मोन कम होगा तो दिमाग को अपने आप राहत मिल जाएगी।
शरीर में रक्त का बहाव तेज करती हैं तुलसी की पत्तियां
तुलसी के पत्तों को को चबा चबा कर खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है जिससे मांसपेशियों और दिमाग की तनी हुई नसों को आराम मिलता है। ये आराम मिलते ही दिमाग में तनाव और माइग्रेन कम होने लगता है। इससे मांसपेशियो को भी आराम मिलता है और दिमाग एक्टिव हो जाता है।
अगर ज्यादा कामकाज और सोचने की वजह से स्ट्रेस या दिमाग में भारीपन रहता है तो ऐसे लोगों को रोज तुलसी की चाय पीनी चाहिए। इससे दिमाग की में तनाव पैदा करने वाली नसें शांत होती है और माइग्रेन को बढ़ाने वाले सेल्स निष्क्रिय हो जाते हैं।
कैसे बनाएं तुलसी की चाय
एक पैन में कुछ तुलसी की पत्तियो को धोकर डाल दीजिए और उबलने दीजिए। जब अच्छी तरह उबल जाए तो इसे गैस से उतार कर कप में छान लीजिए। अब इसमें जरा सा नींबू का रस और आधा चम्मच शहद मिलाकर पीजिए।