Eid: रमजान का पवित्र महीना अभी भी चल रहा है. जिसके बाद ईद-उल-फ़ित्र मनाया जाएगा. इस दौरान पूरे उपवास के महीने का जश्न मनाया जाता है. आसमान में चांद देने के बाद से ही जश्न का माहौल शुरू हो जाता है. आज हम आपको ईद से जुड़े सभी डिटेल्स के बारे में बताएंगे
इस्लामिक चंद्र कैलेंडर ईद-उल-फ़ित्र की तिथि को फाइनल करता है. ईद का चांद दिखने के बाद ही इस त्योहार को मनाया जाता है. हालांकि हर स्थान के अनुसार समय थोड़ा अलग-अलग होता है. जिसके कारण इस बार यह त्यौहार मध्य पूर्वी और पश्चिमी देशों में 30 मार्च या 31 मार्च को मनाया जाने का अनुमान है. वहीं भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल को मनाया जाएगा.
इस्लाम धर्म में इस त्योहार का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत ज़्यादा है. माना जाता है कि रमजान के दौरान पैगंबर मुहम्मद को पवित्र कुरान के बारे में ज्ञान हुआ था. जिसके कारण इसे आध्यात्मिक समर्पण और आत्म-अनुशासन का महीना कहा जाता है. यह त्योहार ताजगी और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है. एक महीने तक सेल्फ कंट्रोल से खुद को डिटॉक्स करने के बाद एक नई शुरुआत की जाती है. यह मुस्लिम समुदाय के भीतर एकजुटता को बढ़ावा देने और आभार, कायाकल्प और एकजुटता का प्रतिनिधित्व करने का दिन भी है.
ईद की शुरुआत ईद की नमाज़ के नाम से जानी जाने वाली एक अनोखी सामूहिक प्रार्थना से होती है. जो मस्जिदों, ईदगाहों और खुले क्षेत्रों में की जाती है. श्रद्धालु रमजान के दौरान उन्हें शक्ति देने के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं और आने वाले साल के लिए दुआएं मांगते हैं. इस त्योहार में नमाज से पहले ज़कात-अल-फ़ितर होता है. जिसमें लोगों को दान देने की प्रथा. जो की आर्थिक रूप से गरीब लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश होती है. जिससे की हर कोई इस एक महीने के उपवास का जश्न मना सके और शाम होने तक अपने परिवार के साथ खुशी से खाना खा सके. वहीं शाम में दावत का इंतजाम किया जाता है. जिसमें कई तरह के पारंपरिक व्यंजन बनाया जाता है. घरों की साफ-सफाई और सजावट कुछ दिनों पहले से ही शुरू हो जाती है. वहीं घर के बड़े-बुजुर्ग सभी को पैसे भी देते हैं.