Iltija Mufti House Arrest: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें और उनकी मां, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है. इल्तिजा ने कहा कि उन्हें सोपोर जाने से रोका गया, जहां हाल ही में सेना की गोलीबारी में ट्रक चालक वसीम मजीद मीर की मौत हो गई थी.
इल्तिजा ने ट्वीट करते हुए कहा कि मेरी मां और मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया है. हमारे दरवाजे बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि हमें सोपोर जाना था, जहां वसीम मीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें कठुआ के बटोडी गांव जाने से भी रोका गया, जहां वह माखन दीन के परिवार से मिलना चाहती थीं.
इल्तिजा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के बाद भी कश्मीर में कुछ नहीं बदला है. अब पीड़ित परिवारों को सांत्वना देना भी अपराध बन गया है. बारामुल्ला जिले के सोपोर में बुधवार रात एक चौकी पर नहीं रुकने के कारण सेना की गोलीबारी में वसीम मजीद मीर नामक ट्रक चालक की मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है, और राजनीतिक दल इसकी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं.
My mother & I both have been placed under house arrest. Our gates have been locked up because she was meant to visit Sopore where Waseem Mir was shot dead by the army. I intended to visit Kathua today to meet Makhan Din’s family today & am not being allowed to even move out.… pic.twitter.com/xJTtCRB4iX
— Iltija Mufti (@IltijaMufti_) February 8, 2025
इल्तिजा जिस दूसरे मामले का जिक्र कर रही हैं, वह माखन दीन की पुलिस हिरासत में मौत से जुड़ा है. पुलिस के अनुसार, माखन दीन आतंकवादी स्वर दीन उर्फ स्वरू गुज्जर का भतीजा था और जुलाई 2024 में सेना पर हुए हमले में शामिल आतंकवादी संगठन से जुड़ा था. वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हुई. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने सेना की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा और जवाबदेही तय नहीं होगी, इस तरह की घटनाएं जारी रहेंगी. अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने ट्रक चालक वसीम मीर की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने इस घटना को गंभीर चिंता का विषय बताया. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार दोनों मौतों की जांच करेगी और केंद्र सरकार के समक्ष भी यह मामला उठाएगी. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि स्थानीय आबादी के सहयोग के बिना कश्मीर में पूर्ण शांति नहीं आ सकती. इस तरह की घटनाएं सामान्य स्थिति की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं. इल्तिजा और महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी से राजनीतिक माहौल गरम हो गया है और विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं. सेना की गोलीबारी और पुलिस हिरासत में मौत की जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन विपक्ष इसे पर्याप्त नहीं मान रहा.