One Nation, One Election: शीतकालीन सत्र के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मीडिया रिपोर्ट के से मिल रही जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को मंजूरी दे दी. जिसके बाद अब सरकार शीतकालीन सत्र में इस पर एक व्यापक विधेयक ला सकती है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की जोरदार वकालत की और कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत कुरुक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक गौरवशाली समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है. जल्द ही भारत हमारी आंखों के सामने 'विश्व गुरु' बन जाएगा. इसमें कोई संदेह नहीं है और पूरी दुनिया यह जानती है.
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि भारत की प्रगति और विकास में एक बाधा है वो बाधा कुछ और नहीं बल्कि बार चुनाव प्रक्रिया है. देश में कुछ और हो रहा हो या न हो, लेकिन चुनाव की तैयारियां पूरे पांच साल चलती रहती हैं. जब लोकसभा चुनाव खत्म होते हैं, तो विधानसभा चुनाव आते हैं. जिसके कारण सरकार काम करने के बजाए चुनाव लड़ने की तैयारी में लगी रहती है. उन्होंने कहा कि अभी हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव खत्म हुआ है, इसके बाद अब दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
अपनी 'वन नेशन, वन इलेक्शन' योजना को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने सितंबर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने के लिए उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. जिसके बाद इस मुद्दे पर पूरी तरह से समीक्षा करने के लिए कोविंद कमेटी का निर्माण किया गया. कमेटी ने पूरी तरह से जांच के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें वन नेशन, वन इलेक्शन के सभी फायदे और नुकसानों को नोट किया है. अब इस रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संसद में पेश किया जाएगा. अगर विपक्षी पार्टियों द्वारा सहयोग मिलता है तो इस विधेयक को पास कर के लागू कर दिया जाएगा.