'शीशमहल में नहीं रहेंगे लेकिन...', शीशमहल को लेकर बीजेपी ने LG से की ये अपील

भाजपा नेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री इसमें (बंगले में) नहीं रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इस बात पर फैसला करेगी कि भविष्य में संपत्ति का उपयोग कैसे किया जाएगा.

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Courtesy: Social Media

Sheesh Mahal Controversy: दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक निवास शीश महल के साथ चार संपत्तियों के विलय को रद्द करने का आदेश दिया गया. राष्ट्रीय राजधानी में हुए विधासनभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने शीश महल को लेकर हमला बोला था.

भाजपा नेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री इसमें (बंगले में) नहीं रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इस बात पर फैसला करेगी कि भविष्य में संपत्ति का उपयोग कैसे किया जाएगा. रोहिणी से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी उपराज्यपाल को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास को तत्काल उसकी मूल स्थिति में बहाल करने और आस-पास की सरकारी संपत्तियों पर कथित अतिक्रमण हटाने का आग्रह किया है.

पद से इस्तीफा के बाद छोड़ा शीशमहल

दिल्ली चुनाव के लिए यह बंगला भाजपा के अभियान का एक महत्वपूर्ण बिंदु था, जिसमें पार्टी ने बंगले के पुनर्निर्माण और इसके भव्य इंटीरियर में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. केजरीवाल 2015 से अक्टूबर 2024 तक मुख्यमंत्री के रूप में बंगले में रहे. शराब नीति मामले में जमानत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने संपत्ति खाली कर दी. पार्टी ने केजरीवाल पर पाखंड का भी आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने एक आम आदमी के रूप में उनकी सार्वजनिक छवि की तुलना जनता के खर्च पर विलासिता में उनके कथित निजी लिप्तता से की. उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल पर अपने आधिकारिक आवास को जनता के पैसे से वित्तपोषित शीश महल में बदलने का आरोप लगाया. 

अवैध रूप से कब्जा का आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने 45 और 47 राजपुर रोड पर आठ टाइप-वी फ्लैट और 8ए और 8बी फ्लैगस्टाफ रोड पर सरकारी बंगलों सहित आसपास की सरकारी संपत्तियों को अवैध रूप से अपने कब्जे में लेकर संपत्ति को 10,000 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 50,000 वर्ग मीटर कर दिया. गुप्ता ने इस विस्तार को अवैध और अनैतिक दोनों बताया और दावा किया कि यह उचित अनुमति या कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए बिना किया गया.

गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा, इन अनधिकृत परिवर्तनों का दायरा विशेष रूप से चिंताजनक है. जो एक मानक आधिकारिक आवास होना चाहिए था, उसे एक भव्य परिसर में बदल दिया गया है. उन्होंने मांग की कि विलय की गई संपत्तियों को मुख्यमंत्री के आवास से अलग करके उनकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए. साथ ही फ्लैगस्टाफ रोड को उसके मूल आकार में लौटाया जाए. गुप्ता ने उपराज्यपाल से इन कथित उल्लंघनों की चल रही जांच में तेजी लाने का भी अनुरोध किया. दिल्ली चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 विधानसभा सीटें जीतीं और 27 साल के अंतराल के बाद शहर में सरकार बनाएगी.

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