नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को संसद को सूचित किया कि पिछले पांच साल में देश में 339 विदेशी कंपनियों ने पंजीकरण कराया और 2020 से ऐसी फर्मों की संख्या में कमी दर्ज की गयी है.
कॉर्पोरेट कार्य मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2025 में पांच विदेशी कंपनियां पंजीकृत हुई हैं. आंध्र प्रदेश, दिल्ली, केरल में एक-एक और तमिलनाडु में दो कंपनियां पंजीकृत हुई हैं.
विदेशी कंपनी की परिभाषा
कंपनी कानून, 2013 की धारा 2(42) के तहत, एक विदेशी कंपनी वह है जो भारत से बाहर निगमित हो, लेकिन उसका व्यवसाय भारत में स्थित हो.
सालवार पंजीकरण संख्या
मंत्री ने बताया कि 2020 में 90 विदेशी कंपनियां पंजीकृत हुईं, जबकि 2021 में यह संख्या घटकर 75, 2022 में 64, 2023 में 57 और 2024 में 53 रही.
ऑनलाइन गतिविधियों की जानकारी पर
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ विदेशी कंपनियां बिना पंजीकरण के ऑनलाइन गतिविधियां चला रही हैं, इस संबंध में कोई जानकारी "एमसीए21 रजिस्ट्री" के तहत उपलब्ध नहीं है.
भारत में विदेशी कंपनियों के पंजीकरण में यह गिरावट उन वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारणों का परिणाम हो सकता है जो कंपनियों को अपने व्यापार के विस्तार को लेकर नए दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
सरकार द्वारा इस जानकारी के सार्वजनिक होने से यह संकेत मिलता है कि भारत में विदेशी निवेश के लिए सही परिस्थितियों का निर्माण हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद विदेशी कंपनियों की पंजीकरण संख्या में कमी आई है.
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