8th Pay Commission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया. 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की गई है, जो 49 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए लाभदायक साबित होगा.
अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा. 8वें वेतन आयोग के गठन से समय पर सिफारिशें प्राप्त करने और नए वेतनमान लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा. 1947 से अब तक सात वेतन आयोग बन चुके हैं, और हर 10 वर्षों में एक नया आयोग गठित किया जाता है.
इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को सीधा फायदा होगा. इसमें रक्षा कर्मी भी शामिल हैं. दिल्ली के लगभग चार लाख राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी इस आयोग से लाभ मिलेगा. 8वें वेतन आयोग के गठन से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी सुनिश्चित होगी. इसके लिए आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारकों से विचार-विमर्श किया जाएगा. इस फैसले की घोषणा 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट पेश होने और 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले हुई है. इस फैसले को सरकार की चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा, '8वें वेतन आयोग की स्थापना जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगी और खपत को बढ़ावा देगी.' यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से लिया गया है. 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें न केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आर्थिक राहत लाएंगी, बल्कि यह घरेलू खपत को भी प्रोत्साहित करेंगी. इससे देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान मिलेगा.