Aero India 2025: कर्नाटक के बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 कार्यक्रम से पहले भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में एक साथ उड़ान भरी.
इस ऐतिहासिक उड़ान ने भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के बढ़ते तालमेल को दर्शाया और रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
उड़ान के बाद जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन पल था. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मेरे साथी हैं और हम एनडीए के दिनों से एक साथ हैं. काश मैं वायुसेना में होता, तो लड़ाकू पायलट बनता. आज से एपी सिंह मेरे गुरु भी हैं. वायुसेना के पायलट जिन कठिन चुनौतियों का सामना करते हैं, मैं उनकी प्रशंसा करता हूं. एयरो इंडिया 2025 के लिए यह एक शानदार शुरुआत है.
एयरो इंडिया जो एशिया का सबसे बड़ा एयर शो माना जाता है. 10 से 14 फरवरी तक बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित होगा. इस द्विवार्षिक एयर शो और रक्षा प्रदर्शनी में वैश्विक रक्षा उद्योग के शीर्ष नेता, रणनीतिकार और विशेषज्ञ भाग लेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम के 15वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे और इंडिया पैवेलियन का अनावरण करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत एलसीए तेजस और प्रचंड जैसे स्वदेशी लड़ाकू जेट बनाने में आत्मनिर्भर हो रहा है और अब न केवल रक्षा उपकरणों का निर्माण कर रहा है, बल्कि एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला भी विकसित कर चुका है.
भारतीय वायु सेना मिग-29, सीकिंग 42बी, कामोव 31, एमएच-60आर हेलीकॉप्टर, एंटी-शिप और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर इन विमानों और हेलीकॉप्टरों का प्रदर्शन करेगी. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (नौसेना संस्करण) और चौथी पीढ़ी के डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) के छोटे मॉडल का प्रदर्शन भी किया जाएगा.
भारतीय नौसेना अपने विजन दस्तावेज़ आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना विमानन: तकनीकी रोडमैप 2047 को भी जारी करेगी. जिसमें स्वदेशी नौसेना विमानन क्षमताओं के विस्तार की रूपरेखा होगी. नौसेना के फ्लाई-पास्ट में ‘वरुण’ फॉर्मेशन देखा जाएगा. जिसमें सबसे आगे P-8I टोही विमान, उसके दोनों ओर मिग-29K और हॉक 132 विमान होंगे. इस बार पहली बार रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35 लाइटनिंग II, जो दुनिया के सबसे उन्नत पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान हैं इस मेगा इवेंट में भाग लेंगे. इस बार का इंडिया पैवेलियन ‘आत्मनिर्भरता की उड़ान’ का प्रतीक होगा और भारत की वैश्विक रक्षा और एयरोस्पेस महाशक्ति बनने की दिशा में प्रगति को प्रदर्शित करेगा.
इसमें एयरो एविएशन, लैंड एविएशन, नेवल एविएशन, डिफेंस-स्पेस और उच्च तकनीकी क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन होगा. 275 से अधिक प्रदर्शनियों में भारतीय रक्षा कंपनियां एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) और कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) जैसे प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म प्रस्तुत करेंगी. इस कार्यक्रम में 100 से अधिक मूल उपकरण निर्माता (OEM) भाग लेंगे. 19 देशों के प्रतिनिधि और 35 भारतीय कंपनियां जैसे एलएंडटी, अदानी डिफेंस, महिंद्रा डिफेंस, ब्रह्मोस एयरोस्पेस आदि अपनी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी.