Artificial Intelligence: Deep Fake के बाद अब Clear Fake का खतरा, एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी

Artificial Intelligence: हाल ही में सोशल मीडिया पर चर्चित लोगों के डीप फेक वीडियो सामने आने के बाद सरकार ने इस पर नकेल कसने की दिशा में कदम उठाये हैं. हालाँकि अब एक्सपर्ट्स ने नए क्लियर फेक की चेतावनी जारी की है. आइये जानते हैं कि क्या है ये नया खतरा

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Artificial Intelligence: हाल के दिनों में हमनें सोशल मीडिया पर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके लोगों के डीप फेक वीडियो और फोटोज सामने आने का मामला देखा. चर्चित दक्षिण भारतीय अभिनत्री रश्मिका मंदाना के डीप फेक वीडियो के सामने आने के बाद फिल्मी जगत के साथ ही आम लोगों ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की थी. इतना ही नहीं खुद प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार इस बारे में लोगों को आगाह भी कर चुके हैं. हाल ही सरकार ने इस इंटरनेट क्राइम से बचने के लिए बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बैठक कर के सख्त नियम बनाने की घोषणा की थी. इसी बीच अब एक्सपर्ट्स ने डीप फेक के बाद क्लियर फेक को लेकर चेतावनी जारी की है. 

दरअसल क्लियरफेक भी डीपफेक की तरह ही है. इसमें भी ठग आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस  का इस्तेमाल कर के फेक वीडियो, फोटो, वेबसाइट आदि के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. और फिर इसके जरिए लोगों तक गलत जानकारी, वीडियो, फोटो और मैलवेयर पहुंचाए जाते हैं. 


जानें क्या है क्लियर फेक 

एक्सपर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, क्लियर फेक के जरिये ठग पहले तो लोगों के सिस्टम में गलत सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करवाते हैं और फिर बाद में 
 उनकी निजी जानकारी को सिस्टम से चुरा रहा हैं. बता दें कि इस साल की शुरुआत में रिसर्चर्स ने एक नए साइबर खतरे की खोज की थी. इस बारे में एक्सपर्ट्स से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार, इस नए खतरनाक मैलवेयर का नाम  एटॉमिक macOS स्टीलर (एएमओएस) है. जानकारी के अनुसार,  एटॉमिक macOS स्टीलर एक परिष्कृत मैलवेयर है, जो मुख्य रूप से एप्पल उपयोगकर्ताओं को टारगेट करता है. एकबार जब ये यूजर के सिस्टम में इनस्टॉल हो जाता है तो ये उनकी निजी और संवेदनशील जानकारी निकालने की क्षमता रखता है, जिसमें iCloud किचेन पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड विवरण, क्रिप्टो वॉलेट और दूसरी तरह की फाइलें शामिल हैं.

बता दें कि ये मैलवेयर पहले से ही यूजर्स के लिए एक खतरा बना हुआ था लेकिन अब ठग क्लियर फेक के जरिए इस मैलवेयर को लोगों के सिस्टम में डाल रहे हैं. इतना ही नहीं, क्लियरफेक का इस्तेमाल कर के ठग अब फेक वेबसाइट बना रहे हैं और यूजर्स से ब्राउजर को अपडेट करने के लिए कहते हैं. चिंता की बात ये है कि ये वेबसाइट और प्रांप्ट इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि यूजर्स को लगता है कि वेबसाइट एकदम असली है और वे कम्प्रोमाइज्ड ब्राइजर जिसमें गलत जावास्क्रिप्ट कोड रहते हैं, उसे इनस्टॉल कर लेते हैं. और फिर जैसे ही एएमओएस सिस्टम में इनस्टॉल हो जाता है तो ये यूजर से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी को इकट्ठा करने लगता है और यही से यूजर्स की प्राइवेसी खत्म होने लगती है. इस सारी निजी और संवेदनशील जानकारी को प्राप्त कर ठग लोगों को फिर अलग-अलग तरह से टारगेट करते हैं.

कैसे बचे इस तरह के इंटरनेट स्कैम से 

इस तरह के इंटरनेट और सोशल मीडिया स्कैम से बचने का एक ही तरीका है कि आप कभी भी किसी भी परिस्थिति में अपनी निजी जानकारियां किसी से साझा न करें. इसके अलावा इस तरह केसाइबर  अटैक से बचने के लिए हमेशा किसी भी सॉफ्टवेयर को उसके आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें. किसी भी स्थिति में किसी अन्य थर्ड पार्टी से कोई भी सॉफ्टवेयर इनस्टॉल न करें. इसके साथ ही अपने सॉफ्टवेयर को अप-टू डेट रखें और ऐसे ऐप्स जो macOS गेटकीपर सुरक्षा को बायपास करने के लिए कहते हैं उनसे भी सावधान रखें और इन्हें इनस्टॉल न करें. बता दें इस तरह की घटनाओं से आपको सिर्फ आपकी सूझ-बुझ और सतर्कता ही बचा सकती है.