बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायानती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है. पहले सभी पदों से हटाने के बाद अब उन्हें पूरी तरह से पार्टी के बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं. इस फैसले की घोषणा करते हुए मायावती ने एक पोस्ट जारी की, जिसमें उनका बेहद सख्त रूख साफ झलक रहा था.
मायावती ने इस बड़े कदम को सही ठहराते हुए कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के आंदोलन की रक्षा और कांशीराम जी की अनुशासन की परंपरा को बनाए रखने के लिए यह जरूरी था. उन्होंने स्पष्ट किया कि आकाश आनंद को उनके ससुर की तरह ही पार्टी और आंदोलन के हित में निष्कासित किया गया है.
1. बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल श्री आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025
इस फैसले पर प्रकाश डालते हुए मायावती ने बताया कि हाल ही में हुई बसपा की बैठक में आकाश को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल को-ऑर्डिनेटर सहित तमाम जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा, “उन्हें इस पर पश्चाताप दिखाते हुए अपनी परिपक्वता साबित करनी चाहिए थी.”
लेकिन मायावती के मुताबिक, आकाश ने परिपक्वता दिखाने की बजाय एक लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी, जो उनके पछतावे या राजनीतिक समझदारी को नहीं दर्शाती. उन्होंने इसे स्वार्थी, अहंकारी और गैर-मिशनरी सोच का नमूना करार दिया, जो उनके ससुर के प्रभाव का ही परिणाम है. मायावती ने आगे कहा, “मैंने हमेशा पार्टी के लोगों को ऐसी सोच से बचने की सलाह दी है और जरूरत पड़ने पर सजा भी दी है.”
2. लेकिन इसके विपरीत श्री आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूँ।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025
यह ताजा घटनाक्रम मायावती और आकाश के बीच गहरी खाई को उजागर करता है, क्योंकि वह पार्टी के मूल्यों और मिशन को बचाने के लिए अपने सख्त रवैये पर अडिग हैं.