Pm Modi Speech: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न हो चुका है. रामलला राम मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. इस समारोह को लेकर पूरे भारत में उत्साह का माहौल है. राम मंदिर में शंखनाद और मंत्रोच्चार के साथ भव्य गर्भगृह में रामलला को विराजमान किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. इसके बाद अयोध्या जय श्रीराम के नारों से गूंज उठी. इस दौरान समारोह के बाद पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर के निर्माण से आग भड़क जाएगी, मगर उन्हें फिर सोचना चाहिए क्योंकि प्रभु राम अग्नि नहीं, ऊर्जा हैं.
पीएम मोदी ने विपक्ष दलों का नाम लिए बगैर कहा, "वो भी एक समय ऐसा भी था जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बन जाएगा तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत की सामाजिक भावना की पवित्रता को नहीं समझ सकते. इस मंदिर का निर्माण रामलला भारतीय समाज की शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय के भी प्रतीक हैं. हम देख रहे हैं कि यह निर्माण किसी अग्नि को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है."
इस दौरान पीएम ने आगे कहा, " हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. आज हमारे राम आ गए हैं. मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने- कोने में राम भक्तों को हो रही होगी."
#WATCH | Ayodhya: Prime Minister Narendra Modi says, "There was also a time when some people used to say 'Ram Mandir bana toh aag lag jaegi'...Such people could not understand the purity of India's social spirit. The construction of this temple of Ram Lalla is also a symbol of… pic.twitter.com/NgtASg6kbp
— ANI (@ANI) January 22, 2024
बता दें कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कई विपक्षी दलों को आमंत्रित होने के लिए न्योता दिया गया था. मगर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्ष के कई नेता इस समारोह में शामिल नहीं हुए.
इस दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है. आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. पूरा भारत आज दिवाली मना रहा है. आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्ज्वलित करने की तैयारी है.
उन्होंने आगे कहा कि आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं कि हमारे पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी, हमारी तपस्या मी कुछ कमी रही होगी कि हम इतने सदियों तक मंदिर का निर्माण नहीं करा सके. आज वो कमी भी पूरी हो गई.