Delhi Election Results 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को राज निवास में उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह फैसला AAP की करारी चुनावी हार के ठीक एक दिन बाद आया, जिसने पार्टी को बड़ा झटका दिया है. आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमेश बिधूड़ी को 3,521 मतों के अंतर से हराकर कालकाजी सीट बरकरार रखी. हालांकि, दिल्ली चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के आगे यह एक छोटी उपलब्धि साबित हुई.
चुनाव में शुरुआती मतगणना के दौरान बिधूड़ी आगे चल रहे थे, जिससे मुकाबला बेहद कठिन हो गया था. लेकिन अंतिम चरण में आतिशी ने बढ़त बना ली. हालांकि AAP के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा, क्योंकि 8 फरवरी को आए नतीजों में पार्टी को करारी शिकस्त मिली.
दिल्ली चुनाव के नतीजे AAP के लिए एक बड़े झटके की तरह आए क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सतेंद्र जैन जैसे दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. इन सबके बीच, आतिशी की जीत पार्टी के लिए कुछ गिनी-चुनी सफलताओं में से एक रही. जब आतिशी ने सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री पद संभाला था, तब उन्होंने अपने कार्यालय में केजरीवाल की कुर्सी खाली रखी थी. जिससे संकेत दिया गया कि वह केवल 'अस्थायी मुख्यमंत्री' हैं और केजरीवाल की वापसी का इंतजार कर रही हैं.
2015 में आतिशी को तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का सलाहकार नियुक्त किया गया था. उन्होंने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को सुधारने और बुनियादी ढांचे की समस्याओं से निपटने में अहम भूमिका निभाई. 2019 लोकसभा चुनाव में, उन्होंने पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के गौतम गंभीर के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं. 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने कालकाजी सीट से जीत दर्ज की और कैबिनेट मंत्री बनीं. उन्होंने कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला.
जब AAP 2023-24 में अपने सबसे बड़े संकट से गुजर रही थी और केजरीवाल सहित पार्टी के शीर्ष नेता जेल में थे, तब आतिशी ने पार्टी की कमान संभाली और पार्टी को मुश्किल समय से बाहर निकालने का प्रयास किया. सितंबर 2024 में, केजरीवाल ने विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दिया और आतिशी को मुख्यमंत्री पद सौंप दिया. 21 सितंबर 2024 को, 43 साल की उम्र में, आतिशी दिल्ली की आठवीं और सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री बनीं. वह इस पद पर आसीन होने वाली तीसरी महिला मुख्यमंत्री थीं. आतिशी के इस्तीफे के बाद, AAP अब नए नेतृत्व की तलाश में है. पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा की जा रही है, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AAP के लिए यह अस्तित्व की लड़ाई बन सकती है.