भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए मिसाइल हमले के बाद मीडिल इस्ट में चल रहे इस युद्ध को लेकर चिंता व्यक्त की है. क्योकि इस समय ईरान व इजरायल के बीच बढ़ता तनाव एक बड़े युद्ध का रुप ले चुका है, जो अन्य देशों के लिए खतरे की घंटी है. एस. जय शंकर ने यह भी कहा कि किसी भी देश को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना बेहद जरूरी है इसके साथ ही देश सुनिश्चित करे कि नागरिकों कों नुकसान न पहुंचे.
एस. जयशंकर ने एक विचारक के साथ बातचीत की जिसमें उन्होंने कहा कि- हम बढ़ते संघर्ष को लेकर काफी चिंतित है, न केवल लेबनान में, बल्कि हौथिस, लाल सागर, ईरान व इज़राइल के बीच होने वाली किसी भी घटना को लेकर भी हमारी यही चिंता है. मंत्री बातचीत के दौरान यह बात कही, कुछ घंटे पहले ईरान ने इजराइल के खिलाफ मिसाइलों के ताबड़तोड़ हमले किए थे.
एस. जयशंकर ने बातचीत के दौरान कहा- 7 अक्टूबर को किए हमले को आतंकवादी हमला मानते हैं. ऐसे में हमे लगात है कि ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल से किए गए हमलों का जवाब इजरायल को देना चाहिए था, लेकिन किसी देश द्वारा की गई प्रतिक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है, देश को नागरिकों को किसी तरह के नुकसान या प्रभाव के बारे में सावधान रहना चाहिए. किसी प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय मानवीय प्रयास होना महत्वपूर्ण है"
एस.जे शंकर ने इन परिस्थितियों में भारत की संभावित भूमिका का उल्लेखन किया. उन्होंने कहा कि- कठिन समय में संचार के महत्व को कम नहीं समझिए. अगर भारत की कुछ बातों को सुनकर ऊपपर आगे चला जाए तो यह योगदान हम कर सकते हैं, और हमने किया भी है.
ईरान ने हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत व इजरायली सेना द्वारा जारी सैन्य हमले का जवाब देते हुए मंगलवार को इजरायल पर 150 मिसाइलों से हमला किया. इस घटनाक्रम से मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध की आशंका पैदा हो गई है, जबकि इजरायल और अमेरिका ने तेहरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है।