Ban On MLJK-MA: जम्मू कश्मीर में बढ़े आतंकी घटनाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए आज यानि 27 दिसम्बर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर बैन लगा दिया. इस संगठन और उसके सदस्यों पर जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी समूहों का समर्थन करने का आरोप है. सरकार ने बताया कि संगठन पर ये बैन गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत की है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी.
The ‘Muslim League Jammu Kashmir (Masarat Alam faction)’/MLJK-MA is declared as an 'Unlawful Association' under UAPA.
— Amit Shah (@AmitShah) December 27, 2023
This organization and its members are involved in anti-national and secessionist activities in J&K supporting terrorist activities and inciting people to…
गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी देते हुए पोस्ट में लिखा कि "मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघठन' घोषित किया गया है. यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं."
गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान प्रधानमंत्री के आतंकवाद और आतंकवादियों को लेकर स्पष्ट रणनीति के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि "पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा."
मसरत आलम भट्ट मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट का मुखिया है. ये फिलहाल 2019 से तिहाड़ जेल में बंद है. इसके साथ ही 2021 में इसकी नियुक्ति कश्मीरी कट्टरपंथी अलगाववादी समूह ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के पद पर हुई थी. मसरत आलम पर 2010 में कश्मीर घाटी में बड़े स्तर पर सावजनिक विरोध प्रदर्शनों का आरोप है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मसरत पर 27 केस दर्ज है. वहीं उसके ऊपर 36 बार सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मामला दर्ज है . इसके साथ ही उसने एक रैली में पाकिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए थे.