अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा की

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे.

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Courtesy: social media

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे.

बैठक में शामिल हुए प्रमुख अधिकारी

बैठक में केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए. हालांकि, चूंकि जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, राज्य में कानून और व्यवस्था सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में आती है, इस कारण मुख्यमंत्री अब्दुल्ला का इस बैठक में शामिल होना महत्वपूर्ण था. 

नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन

अधिकारियों के अनुसार, बैठक में यह चर्चा की गई कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति कैसी है. इन नए कानूनों ने औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है. यह कानून पिछले साल 1 जुलाई से लागू हुए थे और अब इनकी कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की जा रही है.

केंद्र सरकार की पहल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इससे पहले उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे कई राज्यों में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा कर चुके हैं. इन प्रयासों का उद्देश्य देशभर में समान और प्रभावी कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना है, जिससे अपराध पर काबू पाया जा सके और न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में सुधार हो सके.

केंद्रीय गृह मंत्री की इस बैठक ने जम्मू-कश्मीर में नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद के प्रभाव का विश्लेषण किया. इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि राज्य में कानूनों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है और आगे भी इसे सुधारने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं. 

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