Punjab: अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा ‘मेरा बेटा समाज के लिए काम कर रहा है’

खालिस्तानी समर्थन अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। खालिस्तानी समर्थन के पिता तरसेम सिंह के पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। आरोपी के पिता ने कहा कि उनका बेटा पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था। गुरु साहिब की सोच थी कि पंजाब नशे से रहित […]

Date Updated
फॉलो करें:

खालिस्तानी समर्थन अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। खालिस्तानी समर्थन के पिता तरसेम सिंह के पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। आरोपी के पिता ने कहा कि उनका बेटा पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था। गुरु साहिब की सोच थी कि पंजाब नशे से रहित होना चाहिए। अब उन्होंने सिख संगत से अपील की है पंजाब को नशामुक्त करने के उनके बेटे अमृतपाल के मिशन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने आगे कहा कि ‘हमें टीवी के माध्यम से पता चला की अमृतपाल ने खुद को पेश किया। अगर सरेंडर करने की बात होती तो वह इधर भी किया जा सकता था लेकिन जो ड्रामा होना था वह हो गया। हमें मान महसूस हो रहा है कि उसने सिख रूप में सरेंडर किया। हम केस लड़ेंगे क्योंकि वह समाज के लिए काम कर रहा था। वह नशे के ख़िलाफ़ काम कर रहा था, लोगों को बचाने का काम कर रहा था। जो नौजवानों को बचा रहा था सरकार उसको बदनाम कर रही है। सरकार नशा खत्म करने वाले को खत्म कर रही है।

पंजाब सरकार के उच्च सूत्रों से पता चला है कि पत्नी कि किरणदीप को निगरानी में लेने के बाद से अमृतपाल दबाव में आ गया था। आपको बता दें कि लंदन की प्लाइट पकड़ने से पहले किरणदीप कौर को अमृतसर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया था और श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर NRI महिला से करीब 3 घंटे तक पूछताछ की गई थी। इसके बाद उसे घर भेज दिया गया था।

पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव में अमृतपाल को घेरकर गिरफ्तार किया। पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमृतपाल को रासुका के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है। गिल ने कहा, अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई ने एक संयुक्त अभियान चलाया।

पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था। उसे चारों तरफ से घेर लिया गया था, पंजाब पुलिस ने गांव को घेर लिया था। पुलिस ने गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए उसमें प्रवेश नहीं किया। अमृतपाल इसी गुरुद्वारे में मौजूद था। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, (गुरद्वारा की) पवित्रता बनाए रखने के लिए पुलिस गुरुद्वारे में नहीं घुसी और वह जानता था कि अब वह भाग नहीं सकता क्योंकि पंजाब पुलिस ने उसे घेर लिया है।