Amritsar: CBI कोर्ट ने साल 1992 में फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर निर्णय दिया है. अमृतसर के 3 तत्कालीन पुलिसकर्मियों को जिसमें इंस्पेक्टर धर्म सिंह, एएसआई सुरिंदर सिंह और गुरदेव सिंह को दोषी माना गया है. जिन्हें कोर्ट के द्वारा आने वाले 14 सितंबर को सजा सुना दी जाएगी. बता दें कि वर्ष 1992 में 3 युवकों लखविंदर सिंह, जसपिंदर सिंह, एवं हरजीत सिंह का 9 पुलिसकर्मियों ने मिलकर फर्जी एनकाउंटर कर दिया था.
वहीं इस पूरे मामले को लेकर मृतक हरजीत सिंह के पिता ने पंजाब व हरियाणा कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी. उस समय मृतक के पिता को जानकारी नहीं थी कि, पुलिस ने ही उनके बेटे का मर्डर किया है. पिता ने इल्जाम लगाया कि उनके बेटे हरजीत सिंह को पुलिस ने साल 1992 में 29 अप्रैल को अमृतसर के सठियाला के नजदीक ठठियां बस स्टैंड से उसे उठाया गया था, जिसके बाद मॉल मंडी के इंटेरोगेशन सेंटर में रख दिया गया था.
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने तुरंत इस केस पर एक्शन लेते हुए, पुलिस की अवैध गिरफ्तारी से हरजीत सिंह की रिहाई करने के लिए, एक वारंट जारी किया था. वहीं मामले को आगे बढ़ाते हुए कोर्ट ने दिसंबर 1992 में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज चंडीगढ़ को इस केस के मामले में न्यायिक जांच करने का आदेश दिया था. जिस केस की रिपोर्ट वर्ष 1995 में पेश कर दिया गया था. वहीं रिपोर्ट के तहत 30 मई 1997 को कोर्ट ने इस केस के मामले की जांच CBI के हाथ सौंप दी थी.
वर्ष 1998 में CBI ने मामला दर्ज करके जांच शुरू की तो पाया कि, हरजीत सिंह का दलजीत सिंह, सतबीर सिंह ने 29 अप्रैल 1992 को बस स्टैंड ठठियां से अपहरण किया गया था. जबकि 12 मई 1992 को 2 अन्य लोगों ने लखविंद, जसपिंदर सिंह, हरजीत सिंह को मौत के घाट उतार दिया था. तत्कालीन पोस्टेड SHO पीएस लोपोके के सब इंस्पेक्टर धर्म सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने इसे मुठभेड़ बताया था. वहीं उनके शवों को परिवार वालों को नहीं सौंपा गया था. जबकि पुलिस ने तीनों शवों को लावारिस बता कर अंतिम संस्कार कर दिया था.
इस केस में CBI ने पंजाब पुलिस के 9 अधिकारियों सहित एएसआई भूपिंदर सिंह,एसआई अमरीक सिंह, एएसआई गुरदेव सिंह, एएसआई, सुरिंदर सिंह, इंस्पेक्टर हरभजन राम, दलजीत सिंह, एचसी सतबीर सिंह, एसआई राम लुभाया, इंस्पेक्टर धर्म सिंह के खिलाफ IPC की धारा 364,120-बी, 302 एवं 218 के अनुसार आरोप पत्र पेश कर दिया था. परन्तु उनमें से पांच आरोपियों जिसमें अमरीक सिंह, हरभजन राम, सतबीर सिंह, राम लुभाया, दलजीत सिंह की मौत केस की सुनवाई के दरमियान हो गई थी. जबकि अपराधी भूपिंदर सिंह को PO घोषित किया गया है. जबकि एएसआई सुरिंदर सिंह, इंस्पेक्टर धर्म सिंह के साथ गुरदेव सिंह को दोषी करार किया गया है.