Andhra Pradesh-Telangana Conflict: आंध्र-प्रदेश और तेलंगाना के बिच कृष्णा नदी के पानी को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है. तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आंध्र-प्रदेश ने नागार्जुन सागर बांध पर कब्जा कर लिया है. आंध्र-प्रदेश ने डैम पर कब्ज़ा करके अपनी ओर पानी छोड़ना भी शुरू कर दिया है. इसी को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गयी है. हालाँकि बता दें , कृष्णा नदी पर बने नागार्जुन सागर बांध पर तेलंगाना सरकार का नियंत्रण है. ऐसे में आंध्र-प्रदेश के डैम पर कब्ज़ा करने के बाद कृष्णा नदी के पानी को लेकर मामला गरमा गया है.
चुनाव से पहले आंध्र-प्रदेश ने किया बांध पर कब्ज़ा
दरअसल कृष्णा नदी के पानी को लेकर दोनों राज्यों में पहले से ही काफी टकराव रहा है. इसी दौरान गुरूवार को जब तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की तैयारियां हो रही थी, तब आंध्र-प्रदेश के करीब 700 पुलिस कर्मियों ने नागार्जुन सागर बांध पर कब्ज़ा कर लिया. इतना ही नहीं, उन्होंने कब्ज़ा करने के बाद दाहिनी नहर को खोल दिया. जिसके बाद कृष्णा नदी का 500 क्यूसेक प्रति घंटे पानी रिलीज हुआ. इस बारे में आंध्र प्रदेश राज्य के सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक ट्वीट पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि , 'हम पीने के पानी के लिए कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर दाहिनी नहर से पानी छोड़ रहे हैं.'
हमने कोई समझौता नहीं तोड़ा- सिंचाई मंत्री
आंध्र-प्रदेश के सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने पहले तो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. लेकिन बाद में उन्होंने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि कृष्णा नदी का 66 प्रतिशत पानी पर आंध्र-प्रदेश का हक़ है जबकि तेलंगाना का हिस्सा 34 प्रतिशत है. उन्होंने आगे कहा कि हमने कोई समझौता नहीं तोड़ा है.. हमने सिर्फ अपने हक़ का पानी लिया है. हमने पानी की उस एक बूँद का भी इस्तेमाल नहीं किया है, जो हमारी नहीं है. हमने सिर्फ अपने क्षेत्र का नहर खोला है. इस पर हमारा हक़ है.
नागार्जुन सागर बांध पर CRPF तैनात
आंध्र-प्रदेश और तेलंगाना के बीच तनाव को बढ़ते हुए देख इस मामले में केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया. केंद्र सरकार की ओर से सावधानी बरतते हुए किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए और बांध की निगरानी के लिए नागार्जुन सागर बांध पर CRPF की तैनाती की है. 28 नवंबर की परिस्थिति के अनुसार, केंद्र सरकार ने दोनों ही राज्यों से नागार्जुन सागर बांध का पानी छोड़ने का आग्रह किया है. दोनों राज्यों के सामने ये प्रस्ताव एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने रखा. हालाँकि दोनों राज्य फ़िलहाल इस योजना पर सहमत हैं. गौरतलब है कि नागार्जुन सागर पर तैनात CRPF को केंद्र सरकार की ओर से ये भी जिम्मेदारी दी गयी है कि वो ये सुनिश्चित करें कि दोनों राज्यों को समझौते के तहत पानी मिल रहा है या नहीं.