Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही है. भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए गुरुवार को बारामुल्ला में एक संयुक्त अभियान शुरू किया. सेना ने बताया कि चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. जिसके बाद लगातार आतंकियों की तलाश की जा रही है.
भारतीय सेना की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा गया कि हमें आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी मिली. जिसके आधार पर गुरुवार को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बारामुला के सोपोर के पानीपुरा में एक संयुक्त अभियान शुरू किया. सतर्क सैनिकों ने इस दौरान संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. जिसपर हमारे सैनिकों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की है.
तलाशी अभियान शुरू
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है. अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गुरुवार को कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया. यह मुठभेड़ बुधवार को शुरू तब हुई जब सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिली. जिसके बाद उत्तरी कश्मीर जिले के लोलाब के मार्गी इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की ओर से एक आतंकवादी को मारा गिराया गया. अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से एक एके राइफल, दो हथगोले और चार एके राइफल मैगजीन बरामद की गईं.
सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़
जम्मू-कश्मीर के ही एक अन्य घटनाक्रम में सुरक्षा बलों ने बुधवार को बांदीपोरा में एक आतंकवादी को मार गिराया. इससे पहले मंगलवार को भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने बांदीपोरा के चुंटावाड़ी कैत्सन के सामान्य क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के बाद एक संयुक्त अभियान शुरू किया था. जिसमें एक आतंकवादी सहयोगी को पकड़ा गया है. जिसकी पहचान आशिक हुसैन वानी के रूप में की गई है. हुसैन सोपोर के तुजार शरीफ का रहने वाला है.
कई लोगों की गई जान
आतंकवादियों ने पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में काफी उत्पात मचाया है. 20 अक्टूबर को गंदेरबल जिले में एक सुरंग निर्माण स्थल पर हमला किए जाने पर एक डॉक्टर और छह मजदूरों की मौत हो गई थी. जिसके कुछ दिनों बाद 3 नवंबर को साप्ताहिक बाजार में ग्रेनेड हमले में एक महिला समेत 12 लोग घायल हो गए थे. आतंकियों के बढ़ते हौसले को खत्म करने के लिए एलजी ने जवानों को खुली छूट दे दी है. जिसके बाद से सेना और पुलिस दोनों ही आतंकवादियों को सबक सिखाने में जुटे हैं.