arvind kejriwal news, janta ki adalat, arvind kejriwal speech, arvind kejriwal speech Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को जंतर-मंतर पर जनता रूबरू हुए. उन्होंने इस स्थान पर जनता की अदालत लगाई और जनता के सामने अपनी बात को रखा. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा. इसके साथ ही जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा देने की वजह भी उन्होंने काफी खुलकर बताई. पूर्व सीएम ने कहा कि बेईमानी के दाग को लेकर काम करना तो दूर, वे जिंदा भी नहीं रह सकते हैं. उन्होंने वहां मौजूद लोगों से सवाल किया कि अगर वे बेईमान होते तो क्या बिजली या महिलाओं के लिए बसों में यात्रा को फ्री करते. इसके अलावा सरकारी स्कूल और अस्पतालों को क्यों ही अच्छा करवाते. उन्होंने बताया कि बिजली फ्री करने में 3 हजार करोड़ का खर्च आता है.
अगर वे बेईमान होते हैं तो इन सब चीजों में 3000 करोड़ नहीं लगाते और खुद उस पैसे का उपभोग कर लेते. उन्होंने कहा कि जब वे जेल से बाहर आए तो सोचा कि जबतक कोर्ट उन्हें बरी नहीं कर देता है, तब तक वे सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि उनके वकीलों ने उनको बताया कि इस केस का कोई भी भरोसा नहीं है. यह 10 से 15 साल तक भी चल सकता है. इस कारण उन्होंने जनता की अदालत में जाने का ही फैसला किया. अरविंद ने कहा कि वे बेईमानी के दाग के साथ जिंदा नहीं रह सकते हैं.
शराब घोटाले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को अरविंद केजरीवाल जेल से जमानत पह रिहा हो गए. उन्होंने कहा कि वे देश की सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं न कि किसी सत्ता या फिर पद के लालच में यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उन्होंने पैसा नहीं सिर्फ सम्मान कमाया है.
अगर जनता यह सोचती है कि वह बेईमान है तो उनको वोट बिल्कुल भी न दें. दिल्ली का चुनाव उनके लिए अग्नि परीक्षा है.
सरकारी आवास के रिनोवेशन में 45 करोड़ लगाने के मामले ने बड़ा तूल पकड़ा था. अब इस आवास को लेकर केजरीवाल ने कहा है कि वे श्राद्ध के बाद और नवरात्रि के दौरान मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास को छोड़ देंगे. अब वे उन लोगों के बीच में रहेंगे, जो उन्हें आवास की पेशकश कर रहे हैं.