सावधान! आपका ई-सिम कही साइबर अपराधियों के निशाने पर तो नही, कैसे करें अपना बचाव

डिजिटल के दौर में आज हर एक शख्स के हाथों में स्मार्टफोन दिखाई देता है. गूगल पर एक क्लिक के जरिए देश और दुनिया की तमाम जानकारी चंद मिनटो में ही लोगों को उपलब्ध हो जाती है. जहां डिजिलाइजेशन ने विश्व के लोगों को अपने आगोश में ले लिया है. तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बने अकॉउंट के कारण लोग साइबर अपराधियों के सीधे निशाने पर आ चुके है. 

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Courtesy: Social Media

डिजिटल के दौर में आज हर एक शख्स के हाथों में स्मार्टफोन दिखाई देता है. गूगल पर एक क्लिक के जरिए देश और दुनिया की तमाम जानकारी चंद मिनटो में ही लोगों को उपलब्ध हो जाती है. जहां डिजिलाइजेशन ने विश्व के लोगों को अपने आगोश में ले लिया है. तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बने अकॉउंट के कारण लोग साइबर अपराधियों के सीधे निशाने पर आ चुके है. 

डिजिटल तौर पर स्मार्ट बनने होड़ में फंस रहे हैं लोग

मोबाइल पर इंटरनेट चलाते समय अगर जरा सी भी सावधानी नहीं बरती तो आप इन साइबर हैकर्स के चंगुल में आसानी से फंस जाते हैं. खुद को डिजिटली तौर पर समार्ट बनाने की इस होड़ में ई-सिम के इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. ई-सिम टैक्नोलॉजी केवल मोबाइल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आईटी डिवाइसेस में भी प्रयोगा हो रही है. स्मार्ट,वॉच के साथ-साथ आज अन्य डिवाइसेस को कनेक्ट कोर्स की मदद से रिमोट की तरह चलाया व कंट्रोल करने में आसानी होती है. 

पटना EOU ने किया सावधान

EOU पटना ने इस ई-सिम को लेकर लोगों को अलर्ट कर दिया है. उनका कहना है कि अगर इसके इस्तेमाल को लेकर लोग सावधानियां नहीं बरतते हैं तो आप साइबर अपराधियों के निशाने पर सीधे तौर से आ जाएंगे. साइबर अपराधी आपके डाटा का इस्तेमाल कर आपकी निजी जानकारी हांसिल कर सकते हैं. (EOU) ने इसकी जानगारी पोस्टर के माध्यम से लोगों को दी है. 

ऐसे आप साइबर अपराधियों के निशाने पर आएंगे

सिम स्वैप फ्रॉड : ई- सिम फ्रॉड का यह सबसे आसान तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी अपने ही नाम पर मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से बात करके भरोसा देता है कि वह और कोई नहीं बल्कि आप ही उससे बाते कर मदद मांग रहे हैं. इसमें वह फर्जी पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस का भी प्रयोग करते हैं. आपके पर्सनल नंबर को अपने डिवाइस पर ई-सिम के तौर पर एक्टिवेट कर लेते हैं. उसके बाद आपके मोबाइक के नेटवर्क से सारा डेटा साइबर अपराधी को आसानी से मिल जाता है. यहां तक की आपके नंबर पर आने  वाला ओटीपी तक उसके पास चला जाएगा जिसका इस्तेमाल कर वह आपकी कॉल्स को भी रिसीव कर सकता है.

फिशिंग अटैक द्वारा साइबर अपराधी एक फर्जी इमेल या मैसेज आपको भेजता है. इसके जरिए वह आपको धोखे में डाल देता है. इन मैसजे के जरिए वह आपको निजी जानकारी उसमें लिखने की बात कहेगा. इसके माध्यम से आपके पासवर्ड, ओटीपी व ई-सिम की एक्टिवटी तक उन तक पहुंच जाती है. इसके बाद साइबर अपराधी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर आपके मैसेज व अन्य गुप्त जानकारी पढ़ सकता है. 

क्यूआर कोड के जरिए ई-सिम को एक्टिव करने के लिए बेहद खास होता है. लेकिन आपका क्यूआर कोड किसी साइबर अपराधी के हाथ लगने से वह आपकी डिवाइस को हैक कर लेता है. साइबर अपराधी इसके जरिए आपके मोबाइल का सिग्नल एक्सेस कर निजी डाटा का गलत तरीके से इस्तेमाल भी कर लेता है. 

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