बदलापुर यौन उत्पीड़न मामला: हिरासत में आरोपी की मौत के लिए पांच पुलिसकर्मी ठहराए जिम्मेदार

बदलापुर: स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में हुई मौत की मजिस्ट्रेटी जांच में पांच पुलिसकर्मियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. अब उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है. मजिस्ट्रेट ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट बंबई उच्च न्यायालय को सौंपी. बंबई उच्च न्यायालय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. अन्ना शिंदे ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला.

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Courtesy: social media

बदलापुर: बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में हुई मौत की मजिस्ट्रेटी जांच में पांच पुलिसकर्मियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. अब उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है. मजिस्ट्रेट ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट बंबई उच्च न्यायालय को सौंपी. बंबई उच्च न्यायालय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. अन्ना शिंदे ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला.

मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

मजिस्ट्रेट ने सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट बंबई उच्च न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में सौंप दी. रिपोर्ट में उन पांच पुलिसकर्मियों के नाम सामने आए हैं जिनके खिलाफ हत्या या हत्या की साजिश का मामला दर्ज हो सकता है. यह जांच उस समय की गई थी जब अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत हो गई थी, और उसकी मौत को लेकर पहले ही विवाद उठ चुका था.

शिंदे के पिता की याचिका और आरोप

अक्षय शिंदे के पिता, अन्ना शिंदे ने बंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे की हत्या पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में की गई. अन्ना शिंदे ने न्याय की मांग करते हुए कहा था कि उनका बेटा निर्दोष था और उसकी हिरासत में मौत संदिग्ध है.

बंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई

बंबई उच्च न्यायालय अब इस मामले में सुनवाई कर रहा है और अन्ना शिंदे की याचिका पर विचार कर रहा है. अदालत ने पुलिस की कार्रवाई की निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है और साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है.

यह मामला अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है, क्योंकि मजिस्ट्रेटी जांच में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है. इस घटना के बाद पुलिस हिरासत में मौत के मामलों में और अधिक सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

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