Bharat Ratna Award: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बड़ा एलान किया है. बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. इस दौरान उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाएगा. सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय पर कि जब कल यानि बुधवार को कर्पूरी ठाकुर की जयंती है. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के मांग लंबे समय से की जा रही थी. वहीं मंगलवार (22 जनवरी) को जेडीयू नेता केसी त्यागी ने ठाकुर को भारत रत्न देने के साथ -साथ उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग की थी.
इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के एलान को सोशल मीडिया पल्टफॉर्म एक्स पर लिखा, "मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है और वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं. यह प्रतिष्ठित सम्मान हाशिये पर पड़े लोगों के लिए एक चैंपियन और समानता और सशक्तिकरण के समर्थक के रूप में उनके स्थायी प्रयासों का एक प्रमाण है.
I am delighted that the Government of India has decided to confer the Bharat Ratna on the beacon of social justice, the great Jan Nayak Karpoori Thakur Ji and that too at a time when we are marking his birth centenary. This prestigious recognition is a testament to his enduring… pic.twitter.com/9fSJrZJPSP
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है. यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है.
कर्पूरी ठाकुर एक भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे. उनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर में हुआ था. वहीं उनका देहांत 17 फरवरी 1988 को हुआ था. बिहार की राजनीति मे ठाकुर का अहम योगदान रहा है. उन्होंने अपने करियर के दौरान विभिन्न पदों अपनी सेवा दी.
कर्पूरी ठाकुर अपने राजनीतिक करियर के दौरान 2 बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल दिसंबर 1970 से जून 1971 तक था, वहीं दूसरा कार्यकाल दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक था. वह भारत में समाजवादी आंदोलन का हिस्सा थे, और सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए जाने जाते थे.
कर्पूरी ठाकुर की उनकी उल्लेखनीय पहलों को लेकर बात करें तो उसमें से एक आरक्षण नीति का कार्यान्वयन था. जिसका उद्देश्य शिक्षा और सरकारी नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों को प्रतिनिधित्व करना था. बता दें कि ठाकुर जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता थे और बाद में जनता पार्टी में विभाजन के बाद उन्होंने जनता दल (सोशलिस्ट) का गठन किया.
उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में जाना जाता है कि जिन्होंने सामाजिक समानता का समर्थन किया और समाज के वंचित वर्गों के विकास को लेकर अपना अहम योगदान देने का काम किया है. बिहार की राजनीति में उनके महत्वपूर्ण योगदान और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है.