Nitish Kumar: जातिगत जनगणना कराने की मांग पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्ष के साथ दिखाई दे रहे हैं. विपक्ष का साथ अब एनडीए की प्रमुख सहयोगी पार्टी जेडीयू भी दे रही है. गुरुवार को जेडीयू ने कहा है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति में चर्चा के लिए जाति आधारित जनगणना को विषय के रूप में शामिल किया जाए. डीएमके के सदस्य टीआर बालू ने समिति की पहली बैठक में यह मुद्दा उठाया है.
भाजपा सदस्य गणेश सिंह इस समिति के अध्यक्ष हैं. संसद के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर चाहते थे कि समिति चर्चा के लिए सबसे पहले विषय के रूप में जाति आधारित जनगणना को सूचीबद्ध करे. टीएमसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने उनका सपोर्ट भी किया है. सूत्रों ने बताया कि जेडीयू के सदस्य गिरधारी यादव भी चाहते थे कि समिति द्वारा चर्चा के लिए जाति आधारित जनगणना को मुद्दे के तौर पर सूचीबद्ध किया जाए. वहीं, कल्याण बनर्जी ने मांग की है कि समिति 'जाति आधारित जनगणना' कराए जाने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखे.
जेडीयू की ओर से लगातार यह मांग उठती रही है कि देशभर में 'जाति आधारित जनगणना' कराई जाए. जेडीयू ने बिहार की सत्ता में आरजेडी के साथ रहते हुए राज्य में जातिवार जनगणना कराई थी और उसके आंकड़े भी जारी किए थे. बिहार में उसके बाद भी आरक्षण को बढ़ाने का विधेयक पास किया था. इसके तहत राज्य में जातिगत आरक्षण को 65 फीसदी तक करने का फैसला लिया गया. वहीं, 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण को मिलाक कुल कोटा 75 फीसदी हो जाता है.