बिहार चुनाव: नीतीश कुमार होंगे NDA के नेतृत्व में, BJP ने किया स्पष्ट

बिहार विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ कुछ महीने रह गए हैं, और बीजेपी ने अपने सभी विरोधियों को एक स्पष्ट संदेश दे दिया है. बीजेपी ने ऐलान किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के चेहरा होंगे और पार्टी उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी. यह कदम बिहार में चुनावी रणनीति को लेकर बीजेपी का कड़ा रुख दर्शाता है, खासकर तब जब नीतीश कुमार का राजनीतिक इतिहास गठबंधन बदलने और सत्ता के समीकरण बदलने का रहा है.

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Courtesy: social media

बिहार विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ कुछ महीने रह गए हैं, और बीजेपी ने अपने सभी विरोधियों को एक स्पष्ट संदेश दे दिया है. बीजेपी ने ऐलान किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के चेहरा होंगे और पार्टी उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी. यह कदम बिहार में चुनावी रणनीति को लेकर बीजेपी का कड़ा रुख दर्शाता है, खासकर तब जब नीतीश कुमार का राजनीतिक इतिहास गठबंधन बदलने और सत्ता के समीकरण बदलने का रहा है.

नीतीश कुमार का गठबंधन बदलने का इतिहास

नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर गठबंधन बदलने से भरा पड़ा है. एक समय था जब उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ते हुए राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई. लेकिन, तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने राजद से अलग होकर फिर से भाजपा के साथ हाथ मिलाया. इसके बाद उन्होंने 2019 और 2020 में भाजपा के साथ चुनाव लड़ा. 2022 में फिर उन्होंने भाजपा से नाता तोड़कर राजद का दामन थामा और अब जनवरी 2024 में फिर से भाजपा के साथ गठबंधन कर बिहार में सरकार बनाई है.

प्रगति यात्रा: नीतीश कुमार का चुनावी अभियान

चुनाव से पहले नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा के माध्यम से जनता के बीच सक्रिय हैं. वे राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं, जहां वह राज्य सरकार की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं. साथ ही, वह सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं. इस यात्रा के दौरान, जनप्रतिनिधियों से मिलने और क्षेत्रीय समस्याओं को सुनने के साथ-साथ वह उन समस्याओं के शीघ्र समाधान का निर्देश भी दे रहे हैं.

क्या है बीजेपी की रणनीति?

बीजेपी के लिए बिहार चुनाव में कोई भी खतरा मोल लेना मुनासिब नहीं होगा, खासकर तब जब नीतीश कुमार के राजनीतिक कदम कभी भी अप्रत्याशित रहे हैं. यही कारण है कि पार्टी ने चुनाव से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया कि नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे, और बीजेपी उनके नेतृत्व में ही चुनावी रणभूमि में उतरने को तैयार है. यह कदम पार्टी के लिए अपने सहयोगी दल के साथ मजबूत गठबंधन बनाने का एक अवसर हो सकता है. 

राजनीतिक दृष्टिकोण से क्या अहम है यह गठबंधन?

यह गठबंधन बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच विश्वास की एक मजबूत बुनियाद है. बीजेपी जानती है कि नीतीश कुमार का जदयू बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण पार्टी है, और इसके बिना बिहार में सत्ता हासिल करना मुश्किल हो सकता है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला यह दर्शाता है कि भाजपा चुनावी गठबंधनों को प्राथमिकता दे रही है और राज्य में अपनी स्थिति को मजबूती से बनाए रखने के लिए सभी संभव प्रयास करेगी.

नीतीश कुमार का यह कदम बिहार की राजनीति को एक नए मोड़ पर लेकर आ सकता है, जिसमें बीजेपी और जदयू के बीच सहयोग बढ़ेगा और बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनेंगे.

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